देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के साथ आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन मानसून आगमन से पहले ही प्रदेश में कई जगह बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
मौसम विभाग ने दक्षिण पश्चिम मानसून के तय वक्त से करीब एक हफ्ते पहले उत्तराखंड पहुंचने की घोषणा कर दी है। इससे राज्य के सभी जिलों में में बारिश का सिलसिला तेज होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने भी राज्य में अगले पांच दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। ऐसे में अति वर्षा, बादल फटने की घटनाएं तो अप्रत्याशित हैं, लेकिन भूस्खलन की घटनाएं आम हैं।
खासकर ऑलवेदर रोड, जिसका की अभी तक काम चल ही रहा है, वो भी प्रभावित होगा। जहां सड़क बन चुकी है, पहाड़ियों से पत्थरों और मिट्टी के खिसकने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। इससे यात्रियों को घंटों जाम से जूझना पड़ता है। आने वाले दिनों में जब बारिश का दौर बढ़ेगा, तब विभाग के लिए इससे निपटना बड़ी चुनौती रहेगा।
उपकरणों की कमी नहीं होने दी जाएगी
मानसून के आगमन से पूर्व राज्य आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन इस संबंध में विभागीय अधिकारियों की दो दौर की बैठकें ले चुके हैं। उन्होंने बताया किसी भी आपदा की स्थिति में इस बार जरूरी संसाधनों और उपकरणों की कमी नहीं होने दी जाएगी।
विभागीय अधिकारियों को आपसी सामंजस्य के साथ काम में जुटने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सैन्य, अर्धसैन्य बलों एवं दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है।
आपदा पूर्व ही सामंजस्य स्थापित करके किसी प्रकार के संसाधनों, उपकरणों की यदि कमी या आवश्यकता पड़ती है तो उसे अभी से समन्वय बनाकर पूरा करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। आपदा में छोटी घटनाओं को भी नोटिस में लेने को कहा गया है। इसके अलावा किसी भी आपदा के समय त्वरित गति से मदद पहुंचाई जाए, इसके लिए कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है।
– एसए मुरुगेशन, राज्य आपदा प्रबंधन सचिव