मार्च माह में शुरू होगा सौंग बांध का निर्माण, एक साल में होगा तैयार

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देहरादून। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल सौंग बांध परियोजना के लिए सरकार ने समय सीमा तय कर दी है। इसके हिसाब से बांध मार्च 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

सौंग बांध परियोजना को हाल ही में पर्यावरणीय स्वीकृति मिली थी। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि शिलान्यास होेने के एक साल के अंदर ही बांध का निर्माण किया जाएगा। अब प्रदेश सरकार ने शिलान्यास से लेकर निर्माण तक की समय सीमा तय कर दी है।

यह बांध सिंचाई विभाग को बनाना है। सिंचाई विभाग के मुताबिक मार्च माह में हर हाल में बांध के निर्माण कार्य की शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री शिलान्यास करेंगे। इसके एक साल के अंदर ही बांध का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से यह आदेश जारी कर दिए गए हैं। 

सिंचाई की अन्य परियोजनाओं की समय सीमा भी तय होगी

सिंचाई विभाग इस समय प्रदेश में अन्य कई महत्वपूर्ण झीलेें बना रहा है। इनमें से सूर्यधार झील तो बनकर तैयार हो चुकी है। इसके अलावा गैरसैंण में सिंचाई विभाग झील बना रहा है। विभाग के मुताबिक ल्वाली, स्यूंशी, खैरासैंण, सतपुली सहित करीब दस स्थानों पर झीलें बनाई जानी हैं। यह झीलें बारिश के पानी को रोकने के काम आएंगी। इनके आधार पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इन झीलों को समय से पूरा करने को कहा गया है। सिंचाई विभाग इन झीलों के निर्माण की समय सीमा भी तय कर रहा है। 

विज्ञान परिषद ने चिह्नित किए स्थान, सिंचाई विभाग को मिला काम 

झीलों या जलाशयों को बनाने के लिए स्थानों को चिह्नित करने का काम उत्तराखंड विज्ञान परिषद को सौंपा गया था। परिषद ने यह काम पूरा कर लिया है और सिंचाई विभाग को इन झीलोें या जलाशयों को बनाने के लिए कहा गया है। 
 
फायदा: चुनाव में भी काम आएगी यह परियोजना

तय समय पर यह परियोजना बन जाती है तो सरकार को इसका फायदा चुनाव में भी मिलेगा। जमरानी के साथ ही सौंग परियोजना पर कई लोगों की निगाह है। देहरादून की पेयजल किल्लत, सौंग घाटी का पर्यटन आदि इसके फायदे गिनाए जा रहे हैं। सूर्यधार जलाशय बनाया जा चुका है। 

सौंग बांध का शिलान्यास मार्च माह में होगा। यह तय किया जा चुका है। इसके साथ ही अन्य जलाशयों के निर्माण के लिए भी समय सीमा तय करने का अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है। इन झीलों और जलाशयों का राज्य को बहुत अधिक फायदा होगा। इन झीलों को आधार बनाकर पर्यटन, रोजगार आदि की दिशा में काम किया जा रहा है।
-त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

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