देहरादून। मुख्य सचिव समिति के विचार को भेजे गए शिक्षकों के तबादलों के प्रस्ताव पर अब गौर नहीं किया जाएगा। नए सत्र में 10 फीसद तबादलों की अनुमति सरकार से मिलने के बाद अब विभाग खुद ही तबादलों के प्रस्तावों पर गौर करेगा। नए सत्र के मुताबिक ही तबादला नीति में यह बदलाव किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना महामारी की वजह से शैक्षिक सत्र 2020-21 में शिक्षकों के तबादले नहीं हो पाए थे।
सरकार ने सत्र को शून्य घोषित कर दिया था। अलबत्ता जरूरतमंद शिक्षकों के तबादलों के लिए मुख्य सचिव समिति के समक्ष प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया था। तबादला एक्ट के नियम-27 में ये व्यवस्था है कि गंभीर रूप से बीमार, दिव्यांग और अन्य जरूरतमंद शिक्षकों के तबादलों के प्रस्तावों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति गौर करेगी। शासन ने पिछले सत्र में शिक्षा विभाग से ऐसे शिक्षकों के प्रस्ताव मांगे थे। प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षकों की ओर से दो हजार से ज्यादा आवेदन शासन को सौंपे गए थे।
यह दीगर बात है कि अभी तक उक्त संबंध में मुख्य सचिव समिति की बैठक नहीं हो पाई। नए सत्र के लिए सरकार 10 फीसद तबादलों की अनुमति दे चुकी है। ऐसे में अनुरोध के साथ ही अब अनिवार्य तबादले भी हो सकेंगे। लिहाजा अब पुराने प्रस्तावों को मुख्य सचिव समिति के सामने नहीं रखा जाएगा। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि नए सत्र में शिक्षा विभाग तबादलों के प्रस्तावों पर खुद गौर कर कार्रवाई करेगा।