देहरादून। उत्तराखंड के तीन जिलों देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में आज भोपाल गैस कांड जैसी आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और गृह मंत्रालय की ओर से मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान सभी विभागों की सतर्कता देखी गई।
जानकारी के अनुसार, देहरादून में सुबह 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। जिसके कारण सेलाकुई की रासायनिक फैक्ट्री में काफी नुकसान हुआ। इसकी सूचना मिलते ही वहां आपदा प्रबंधन की टीम पहुंची और राहत-बचाव कार्य किया।
वहीं, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर की सिडकुल फैक्ट्री में भी नुकसान हुआ। टाटा और सनसेरा कंपनी में रसायनिक पदार्थों से घायल व्यक्तियों को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया।
मॉक ड्रिल में करीब 40 उद्योग शामिल
सचिवालय में मंगलवार को इस मॉक ड्रिल के लिए अधिकारियों ने पूरी कसरत की। बंद कमरे में विनाशकारी भूकंप आने के बाद तीनों जिलों में रासायनिक उद्योगों की स्थिति का अंदाजा लगाया गया। इसके बाद देखा गया कि कहां किस तरह का नुकसान हो रहा है और बचाव सहित अन्य दल किस तरह से सक्रिय होंगे।
अधिकारियों के मुताबिक 12 फरवरी को होने वाली मॉक ड्रिल में करीब 40 उद्योग शामिल होंगे। विनाशकारी भूकंप के बाद जहरीली गैस का रिसाव और आग लगने जैसी घटनाओं की कल्पना की गई है। बैठक में एनडीएमए के मेजर जनरल वीके दत्ता, आपदा प्रबंधन के प्रभारी सचिव एस मुरुगेशन सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।