देहरादून। जानकीचट्टी से डेढ़ किलोमीटर आगे और यमुनोत्री धाम से साढ़े तीन किलोमीटर पहले यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भंगेली गदेरे (ऋषि गंगा) के पास फिर से भूस्खलन शुरू हो गया है। भूस्खलन ज्यादा होने के कारण प्रशासन ने यमुनोत्री की यात्रा को फिलहाल रोक दिया है। यमुनोत्री दर्शन को पहुंचे 34 यात्रियों को पुलिस और एसडीआरएफ ने वहां से सकुशल निकाल दिया है।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर ऋषि गंगा के पास कुछ दिनों से बार-बार भूस्खलन हो रहा है। खतरा बढ़ता देख यमुनोत्री की यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। बडकोट के उपजिलाधिकारी चतर सिंह चैहान ने बताया कि यात्रा को रोकने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि यमुनोत्री धाम के अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी से डेढ़ किलोमीटर दूर पैदल मार्ग पर शनिवार की देर शाम भी जबरदस्त भूस्खलन हुआ था। इस दौरान धाम से लौट रहे यात्रियों और तीर्थपुरोहितों ने भाग कर जान बचाई।
आपको बता दें कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन 10 सितंबर को सक्रिय हुआ था, जिससे यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला पैदल रास्ता पूरी तरह से मलबे और पत्थर पट गया। रास्ते पर करीब 100 मीटर हिस्से में मलबा अधिक होने के कारण प्रशासन और लोनिवि बडकोट के पास वैकल्पिक मार्ग बनाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था। प्रशासन को एक सप्ताह के लिए यमुनोत्री की यात्रा भी रोकनी पड़ी थी।
फिर लोक निर्माण विभाग ने 350 मीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग तैयार किया। यह वैकल्पिक मार्ग सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है। लोनिवि के श्रमिक अभी भी कछुआ गति से वैकल्पिक मार्ग निर्माण में जुटे हैं। इसी बीच बीते शनिवार की शाम को भूस्खलन जोन में भूस्खलन सक्रिय हुआ। वैकल्पिक मार्ग तक भूस्खलन जोन के पत्थर पहुंचे। यमुनोत्री से वापस लौट रहे यात्रियों और तीर्थ पुरोहितों ने किसी तरह से भाग कर जान बचाई। इस घटना के बाद प्रशासन ने यात्रा को तो नहीं रोका है। लेकिन, ऋषि गंगा के पास बने वैकल्पिक मार्ग तक भूस्खलन के पत्थर और मलबा पहुंचने का खतरा बना हुआ रहा।