उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम में पैदल मार्ग पर दो दिन से भूस्खलन थमा हुआ है, लेकिन खतरा बरकरार है। इस बीच भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम ने भी भूस्खलन जोन का निरीक्षण किया। हालात को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने 15 दिन के लिए यात्रा पर रोक लगाने की संस्तुति की है। दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग की टीम ने वैकल्पिक पैदल मार्ग की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। मार्ग में कुछ बदलाव भी किया जाना है।
अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम की दूरी करीब छह किलोमीटर है। जानकीचट्टी से डेढ़ किलोमीटर दूर ऋषि गंगा नदी के किनारे पहाड़ी पर भूस्खलन जोन सक्रिय है। बीते माह 10 सितंबर को हुए जबरदस्त भूस्खलन से पैदल मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा था। इस पर एक सप्ताह के लिए यात्रा रोक दी गई थी। इस बीच वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया गया। बावजूद इसके बीते मंगलवार को भारी भूस्खलन से वैकल्पि मार्ग को भी नुकसान पहुंचा। इस पर प्रशासन ने एक बार फिर यात्रा पर रोक लगा दी।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एसके गर्ग ने बताया कि भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम भूस्खलन जोन का निरीक्षण कर चुकी है। टीम की रिपोर्ट में बताया गया है कि पहाड़ी से अब मलबा गिरने की आशंका नहीं है, लेकिन भूस्खलन जोन को स्थिर होने में कुछ वक्त लग सकता है। इसीलिए वैकल्पिक मार्ग में कुछ बदलाव भी किया जाना है। दूसरी ओर बड़कोट के उपजिलाधिकारी चतर सिंह चैहान ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग को दुरुस्त होने में समय लग सकता है। इसीलिए यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए 15 दिन पर यात्रा पर रोक की संस्तुति की गई है।