मसूरी शहर में बारिश लोगों के लिए फिर मुसीबत बनकर आई। गलोगीधार के पास भूस्खलन होने से मसूरी-देहरादून मार्ग करीब डेढ़ घंटे तक बंद रहा। इससे दोनों ओर वाहनों की करीब तीन किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। इससे पर्यटक और स्थानीय लोग परेशान रहे।मंगलवार को शहर में करीब एक घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के कारण गलोगीधार की पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। इससे सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आ गए। सड़क पर करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया। कई अन्य मार्गों पर भी मलबा और पत्थर आने की सूचना है।
स्थानीय निवासी धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि गलोगी की पहाड़ी से बार-बार गिर रहे पत्थर और मलबे से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसके बावजूद प्रशासन इसके ट्रीटमेंट के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। वहीं, लोनिवि के अपर सहायक अभियंता पुष्पेन्द्र सिंह खैरा ने कहा कि जेसीबी से मलबा और पत्थर हटाए गए। कहा कि पहाड़ से बार-बार मलबा आने से सड़क खोलने में परेशानी हो रही है।
भारी बारिश के आसार
उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में आज भी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में देहरादून, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ भारी बारिश के आसार जताए हैं। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। राजधानी दून व आसपास के इलाकों में एक या दो दौर की भारी बारिश हो सकती है। वहीं, बारिश के बाद ऋषिकेश के रानीपोखरी में देर रात जाखन नदी में पानी फिर बढ़ गया। जिससे आवाजाही बंद हो गई है।
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को स्थिति पर पैनी नजर रखने और अपने-अपने क्षेत्रों में उपस्थित रहने की हिदायत दी है। उन्होंने आपदा की खबर मिलने पर तत्काल राहत कार्रवाई करने को कहा है।
साथ ही उप जिलाधिकारियों को अपने अपने क्षेत्रों में रहने और क्षेत्रीय लेखपालों से जानकारियां हासिल करने की हिदायत दी है। जिलाधिकारीने आपदा प्रबंधन में लापरवाही मिलने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। राजधानी दून व आसपास के इलाकों में सोमवार शाम से मंगलवार तड़के तक बारिश हुई।
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घरों में घुसा बारिश का पानी, लोगों ने अन्यत्र ली शरण
कर्णप्रयाग में बारिश के कारण लंगासू में सड़क का पानी लोगों के घरों में घुस गया। ऐसे में लोगों में अफरातफरी मच गई। अनहोनी की आशंका को देखते हुए कई लोगों ने रात में ही घर छोड़ दिए और अन्य लोगों के यहां शरण ली। स्थानीय लोगों ने कहा कि ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान नाली नहीं बनाई है, जिससे पानी सड़क से बहकर सीधे उनके घरों में जा रहा है।
लंगासू के पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष कैलाश खंडूड़ी ने कहा कि सोमवार रात दो बजे बारिश तेज होने से सड़क का पानी सूरज रावत, राजेंद्र डिमरी, अयोध्या नैनवाल, लक्ष्मी प्रसाद आदि के मकानों में घुस गया और पीछे की दीवार भी बारिश से टूट गई। अनहोनी के डर से लोगों ने घरों को छोड़कर अन्य जगह पर शरण ली। कहा कि ऑल वेदर के कर्मचारियों ने नाली नहीं बनाई है, जिससे सड़क का पानी घरों में जा रहा है। पीड़ितों ने लंगासू के पटवारी प्रदीप रावत को प्रार्थना पत्र देकर मौका मुआयना कर मुआवजा देने और जल्द पानी की निकासी की व्यवस्था करने की मांग की। शारदा देवी और इंदु रावत ने कहा कि जब बारिश तेज हुई तो डर के कारण वे घरों से बाहर आ गए और बाद में बाल्टियों से घर में जमा हुए पानी और मलबे को हटाया।