डोईवाला। डोईवाला विधानसभा राज्य गठन के बाद से ही देहरादून जिले की महत्वपूर्ण सीट रही है। इसमें नगर पालिका डोईवाला के अलावा नगर निगम देहरादून के भी सात वार्ड समाहित हैं। डोईवाला और रायपुर ब्लाक की 35 ग्राम पंचायत भी इस विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी हैं। विधानसभा सीट का आधा हिस्सा मैदानी है। इस सीट पर कुल 165095 मतदाता हैं।
इसलिए है खास
डोईवाला सीट हमेशा राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा से जुड़ी रही। इस सीट से चुनकर आए दो विधायक रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं। इस बार भी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा से प्रबल दावेदार हैं। कांग्रेस से पूर्व काबीना मंत्री हीरा सिंह बिष्ट टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
रुझान
अब तक हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां भाजपा का ही वर्चस्व रहा। हालांकि, मतदाताओं ने हमेशा स्थानीय और स्वच्छ छवि के उम्मीदवार को तरजीह दी है।
राजनीतिक इतिहास
यहां भाजपा का दबदबा रहा है। 2002 और 2007 में भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस के वीरेंद्र मोहन उनियाल को हराकर जीत हासिल की। 2012 में भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक विधायक चुने गए। हालांकि, वर्ष 2014 में निशंक के सांसद बनने पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट जीत गए। 2017 में फिर त्रिवेंद्र विधायक बने।
सामाजिक समीकरण
यह अब तक सामान्य सीट ही रही है। डोईवाला विधानसभा का 60 प्रतिशत मतदाता मैदानी क्षेत्र में, जबकि 40 प्रतिशत मतदाता पर्वतीय क्षेत्र में निवास करता है। मैदानी क्षेत्र में मिश्रित आबादी है। इसमें करीब 15 प्रतिशत आबादी मुस्लिम और सिख मतदाताओं की है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, अनु.जनजाति और पूर्वांचल मूल के मतदाताओं की अच्छी संख्या है।