देहरादून। दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर आशारोड़ी से लेकर मोहंड तक के 12 किलोमीटर के हिस्से में जल्द ही मोबाइल फोन घनघना सकेंगे। उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के प्रयासों से भारतीय दूरसंचार विभाग और रिलायंस टेलीकाम ने इस क्षेत्र में सात स्थल मोबाइल टावर की स्थापना को चिह्नित किए हैं। इनमें चार उत्तर प्रदेश और तीन उत्तराखंड की सीमा में हैं। इसके लिए वन भूमि हस्तांतरण की दिशा में दोनों राज्यों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इससे उम्मीद जगी है कि जल्द ही इस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाएगी।
आशारोड़ी से लेकर डाटकाली और मोहंड तक का क्षेत्र उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड वन विभाग की सीमा के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र में संचार सुविधा न होने के कारण यात्रियों के साथ ही स्थानीय निवासियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने यहां मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए मुहिम छेड़ी हुई है। वहां मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए वन भूमि का हस्तांतरण होना है। बलूनी के अनुरोध पर अब इसके लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारें भी सक्रिय हो गई हैं।
बलूनी ने उत्तर प्रदेश की सीमा के अंतर्गत आने वाले चार स्थलों के लिए वन भूमि हस्तांतरण के सिलसिले में उप्र के वन मंत्री दारा सिंह चौहान से वार्ता की। चौहान ने इस पर सहमति जताई। साथ ही उप्र वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी सीमा के अंतर्गत मोबाइल टावरों के लिए वन भूमि हस्तांतरण को त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द उत्तर प्रदेश सरकार की अनापत्ति समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी।
चौहान ने कहा कि इस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी होने से स्थानीय निवासियों को भी लाभ मिलेगा। इधर, उत्तराखंड वन मुख्यालय के मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने कहा कि उत्तराखंड की सीमा में मोबाइल टावर स्थापना को वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव जल्द भेजे जाएंगे।