देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड राज्य निर्माण में आंदोलनकारी महिलाओं को आज पुष्पगुच्छ एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण महिलाओं के संघर्ष के बल पर हुआ है।
राज्य आंदोलनकारी महिलाओं में उषा रावत, सरोज डिमरी, अरुणा शर्मा, कमला नेगी, इंदु थपलियाल, शीला ध्यानी आदि का सम्मान करने के पश्चात प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि इस राज्य के निर्माण के लिए महिलाओं का संघर्ष किसी से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा है कि राज्य प्राप्ति के लिए अपने घर गृहस्थी के सारे काम निपटाने के बाद महिलाएं सड़कों पर उतरती थी और उत्तराखंड को अलग राज्य प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा है कि लंबे संघर्ष के बाद यह राज्य प्राप्त हुआ। राज्य आंदोलन कार्यों का सपना था कि पहाड़ी राज्य की राजधानी पहाड़ पर बने।
उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया जिससे आंदोलनकारियों का सम्मान हुआ है। प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि राज्य के लिए जिन लोगों ने अपना बलिदान दिया है अब उनके सपनों को साकार करने का समय आ चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण को 20 वर्ष पूरे हो चुके हैं और 21 वर्ष में हम प्रवेश कर रहे हैं। अब उत्तराखंड अपने पैरों पर खड़ा हो चुका है। अब हमें विकास के नए नए आयाम स्थापित करने की आवश्यकता है।
राज्य निर्माण के दौरान चले आंदोलन के अनेक संस्मरण भी सुनाए जब मुजफ्फरनगर कांड की बात आई तो उनका गला भर आया। उन्होंने कहा कि हमारे मातृशक्ति को अपमानित होना पड़ा परंतु उनके अपमान का बदला राज्य प्राप्त करके लिया। उन्होंने कहा कि अब हमें राज्य को और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने निष्ठा और ईमानदारी के साथ इस राज्य को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा है कि उन्हीं के प्रण से उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई है।
इस अवसर पर खाण्ड गांव के प्रधान शंकर धने, तेज बहादुर यादव, राजवीर रावत, शिव कुमार गौतम, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुंदरी कंडवाल ने किया।