सरकार ने मई के बाद छूट को लेकर केंद्र को भेजा प्रस्ताव

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देहरादून। 17 मई के बाद प्रस्तावित लॉकडाउन-4 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार रियायतें चाहती है। मकसद ये है कि राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी पर आए और बड़ी संख्या में आजीविका के संकट से जूझ रहे लोगों को राहत मिले। प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए प्रस्ताव में राज्य सरकार ने राज्य के भीतर सीमित पर्यटन को अनुमति देने का अनुरोध किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 17 मई के बाद लॉकडाउन-चार के संबंध में विचार-विमर्श किया था। उन्होंने राज्य सरकार से लॉकडाउन-4 के दौरान पाबंदियों में छूट के संबंध में 15 मई तक प्रस्ताव देने को कहा था। राज्य सरकार ने उक्त संबंध में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है। प्रस्ताव में तकरीबन उन बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिन्हें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री के समक्ष रखा था।

राज्य सरकार ने अपने प्रस्ताव में ग्रीन जोन और कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित क्षेत्रों में सीमित पर्यटन को अनुमति देने की पैरवी की है। इन गतिविधियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम को जरूरी एसओपी यानी मानक संचालन प्रक्रियाओं के तहत ही संचालित किया जा सकेगा। राज्य का तर्क है कि पर्यटन राज्य के मुख्य व्यवसाय में शामिल है। बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका इससे जुड़ी हुई है। इसे लंबे समय तक बंद रखने से कई परेशानी खड़ी होंगी। राज्य ने आर्थिक गतिविधियों का दायरा और बढ़ाने पर जोर दिया है। खासतौर पर उद्योगों और कारोबार को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इससे श्रमिकों के सामने रोजगार की दिक्कत भी दूर होगी। इसमें अधिक लोगों को जोड़ने की पैरोकारी की गई है।

लॉकडाउन का ज्यादा असर कंटेनमेंट जोन तक सीमित रखने पर बल दिया गया है। कंटेनमेंट जोन से बाहर के इलाकों में गतिविधियां बढ़ाने और ऐसे आवासीय स्कूल, जिनमें लॉकडाउन के चलते छात्र रुके हुए हैं, वहां कैंपस के भीतर शारीरिक दूरी समेत गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल संचालन की अनुमति मांगी गई है। हालांकि राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अभी शिक्षण संस्थाओं के संचालन को अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। संपर्क करने पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केंद्र सरकार को इस प्रस्ताव भेजने की पुष्टि की।

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