देहरादून । प्रदेश सरकार लोक निर्माण विभाग के अलावा अन्य विभागों में कार्यरत सभी वर्कचार्ज कर्मचारियों को पेंशन-ग्रेच्युटी का लाभ देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। लोनिवि के बाद सिंचाई विभाग में सबसे अधिक वर्कचार्ज कर्मचारी हैं। वित्त सिंचाई विभाग ने विभाग से वर्कचार्ज कर्मियों और उन पर आने वाले संभावित खर्च का प्रस्ताव मांगा है।शेष विभागों से भी इसी तरह के प्रस्ताव मांगे जा सकते हैं। इधर, लोनिवि के वर्कचार्ज कर्मचारियों की पेंशन-ग्रेच्युटी देने की स्वीकृति प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की भी मुहर लग गई है। प्रस्ताव अब न्याय विभाग के पास परामर्श के लिए भेजा गया है। न्यायिक परीक्षण के उपरांत वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद वित्तीय देय जारी किए जा सकते हैं।
सिंचाई विभाग में आएगा 150 करोड़ का खर्च
सिंचाई विभाग ने वर्कचार्ज कर्मचारियों की पेंशन व ग्रेच्युटी के संबंध में जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके मुताबिक, इस पर एकमुश्त करीब 150 करोड़ खर्च का अनुमान है। विभाग में 1971 वर्कचार्ज कर्मचारी हैं। इनमें करीब 500 कर्मचारी 2005 से पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
इन्हें पुरानी पेंशन का लाभ मिलना है और इसके बाद सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों को न्यू पेंशन स्कीम के तहत लाभ दिया जाएगा। पेंशन पर ही 109 करोड़ के खर्च का अनुमान है। इसके अलावा ग्रेच्युटी व इसके एरियर पर 45 करोड़ रुपये का खर्च अलग से होगा। इसके अलाव हर साल 14 करोड़ रुपये खर्च का भी अनुमान लगाया है।
अन्य विभागों के वर्कचार्ज कर्मियों को भी मिल सकता है लाभ
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सिंचाई विभाग के अलावा उन सभी विभागों में लागू हो सकता है, जहां वर्कचार्ज कर्मी रखे जाने की व्यवस्था रही। इसमें ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई, वन विभाग शामिल है। वित्त विभाग इन सभी विभागों से प्रस्ताव मांग सकता है।
वर्कचार्ज कर्मचारी लोनिवि और सिंचाई विभाग में ही अधिक हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब प्रदेश सरकार को दोनों विभागों के वर्कचार्ज कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ देने में कोई देरी नहीं करनी चाहिए। हम आभारी है कि मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है। – बाबू खान, प्रदेश अध्यक्ष, लोनिवि सिंचाई संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा