देहरादून में सीबीसीआईडी ने जमीन फर्जीवाड़े में एक बड़ी कार्रवाई की है। 20 साल पहले दर्ज मुकदमे में सीबीसीआईडी ने हरिद्वार में तैनात पूर्व रेंजर को गिरफ्तार किया है। पूर्व रेंजर हरिद्वार देवीपुरा में वन विभाग की 500 बीघा जमीन के फर्जीवाड़े में शामिल था। जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार के देवीपुरा में वन विभाग की 500 बीघा जमीन थी। जिसको फर्जी दस्तावेज बनाकर जेड ए से नॉन जेड ए में परिवर्तित किया गया तथा आरोपियों को जमीन पर कब्जा करने दिया गया। मामला सामने आने के बाद पूर्व तहसीलदार जनपद हरिद्वार जयपाल सिंह ने 2001 में ज्वालापुर थाने में 11 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। सीबीसीआईडी ने मामले की जांच की और फर्जीवाड़े में शामिल पूर्व रेंजर हरिद्वार आरपी गुप्ता निवासी कुम्हारण टोला गोला गोकरण नाथ जनपद लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश को दबिश देकर बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। सीबीसीआईडी के सेक्टर अधिकारी लोकजीत सिंह ने बताया कि आरोपी को हरिद्वार में कोर्ट में पेश किया गया। गिरफ्तारी टीम में विवेचक इंस्पेक्टर राकेश कुमार, कांस्टेबल रामकिशोर, हरमिंदर सिंह और विनोद शामिल रहे।
साइबर ठगी के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिसकर्मी से 81 हजार रुपये की ठगी के मामले में एक और आरोपी को पौड़ी पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया है। मामले में तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि एक अब भी फरार है।
पुलिस लाइन पौड़ी में सेवारत रामानंद शर्मा ने पिछले साल 19 जुलाई को मुकदमा दर्ज कराया था। रामानंद ने बताया था कि एक अज्ञात ने फोन कर एक हजार रुपये की मदद मांगी थी। उसने बताया था कि वह पुलिस मुख्यालय में तैनात है और बीमार चल रहा है। रामानंद ने उसके भेजे लिंक के जरिये उसके खाते में एक हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। लेकिन, कुछ ही देर में उनके खाते से 81996 रुपये निकाल लिए गए।कोतवाल पौड़ी विनोद गुसाई ने बताया कि मामले में फरार चल रहे मुस्तफा को उसके गांव जीराहेड़ा, भरतपुर, राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि, एक और आरोपी साजिद फरार चल रहा है। बताया कि सभी आरोपी भरतपुर, राजस्थान के रहने वाले हैं। वहां इनका गिरोह टटलू नाम से जाना जाता है