स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन, लेकिन पहाड़ों की रानी में लगे कूड़े के ढेर बयां कर रहे अलग ही तस्वीर

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कुछ दिन पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्तराखंड के 25 से 50 हजार की आबादी क्षेत्र का पहला स्थान पाने वाली मसूरी में इन दिनों सुबह और शाम कूड़े के ढेर दिखाई देने लगे हैं। इनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं हैं। इससे शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष इन तस्वीरों को पुराना बताकर पालिका को बदनाम करने की साजिश करार दे रहे हैं।

मसूरी नगर पालिका क्षेत्र में प्रतिदिन 14 टन कूड़ा निकलता है। इनमें से 2 टन सूखा 11 टन गीला और एक टन मिश्रित कूड़ा है। पालिका के कर्मचारी इस कूड़े को इकट्ठा कर आईडीएच के निकट ड्राई वेस्ट कलेक्शन सेंटर भेजती है। इस कूड़े को देहरादून के शीशमबाङा में भी डंप किया जाता है।

मालरोड पर रात और सुबह कूड़े के ढेर दिखते हैं। यह यहां आने वाले पर्यटकों के दिलो दिमाग में शहर की तस्वीर को बदरंग करता है। स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को जो रैंकिंग मिली है उसको देखते हुए शहर की सफाई व्यवस्था को और मजबूत किया जाना चाहिए।

नगर पालिका अक्ष्यक्ष अनुज गुप्ता की मानें तो मालरोड सहित पूरे क्षेत्र में नगर पालिका और कीन संस्था के माध्यम से कूड़ा उठाया जाता है।  पालिका और कीन संस्था के करीब तीन सौ पर्यावरण मित्र सफाई व्यवस्था में लगे हैं जो रात और दिन अलग-अलग समय पर काम कर रहे हैं। सभी वार्डों में मोहल्ला समिति भी है जो सफाई व्यवस्था बनाए रखती है।

एक जगह पर कूड़ा अधिक देर तक रहने ही नहीं दिया जाता। शहर के कूड़े को लगातार रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जा रहा है। कुछ जगहों पर कूड़ा इसलिए दिखाई देता है क्योंकि उसे पूरे शहर के कूड़े के साथ ड्राई वेस्ट कलेक्शन सेंटर भेजा जाना होता है।

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