देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड राज्य में बेरोजगारी किस हद तक पांव पसार चुकी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि पिछले तीन साल से बरोजगार युवओं को बेरोजगारी भत्तें का एक रूपया भी नसीब नहीं हुआ है।
आज तक सेवायोजन में पंजीयन करा चुके किसी भी युवा की सरकारी नौकरी नहीं लगी है, जिसमें विभाग का योगदान हो। जब युवओं को खुद ही नौकरी लगनी है। न उन्हें कोई बेरोजगारी भत्ता मिलना है तो फिर क्यों सेवायोजन विभाग बनाया गया है। ऐसे विभाग पर ताला जड़ देना ही उचित होगा। खास बात ये है कि भत्तें के लिए अभी तक करीब 10 हजार बेरोजगार युवा पंजीयन करा चुके हैं। इसके बावजूद भी किसी को एक रूपया नसीब नहीं हुआ। विभागीय सूत्रों की माने तो हरीश रावत सरकार बनने से लेकर त्रिवेंद्र सरकार बनने के बाद तक बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया गया। यानी की कांग्रेस हो या भाजपा किसी को भी मासूम बेरोजगारों पर तरस नहीं आया। इस बारे में जब सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शासन में इस संबंध में बात चल रही है, नई सरकार से विभाग को काफी उम्मीदे हैं। जल्द ही बेरोजगारी भत्ते संबंधी बात की जाएगी।