देहरादून। संवाददाता। राज्य सरकार ने ड्रेस कोड 5 सितंबर को पूरी तरह से लागू होने की बात की थी, मगर ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। वहीं सरकार और विद्यालयी शिक्षकों के बीच तनातनी खत्म होने के आसार नहीं हैं। शिक्षक अपनी पेचीदा मांगों के समाधान को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिले आश्वासन पर अमल के लिए शासनादेश जारी होने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि इस मामले में अभी सिर्फ फाइल मूवमेंट ही तेज हुआ है।
वित्त से जुड़ी मांगों को लेकर सरकार भी पसोपेश में है। ऐसे में ड्रेस कोड को लेकर शिक्षक दिवस के बाद भी सहमति शायद ही बन सके। हालांकि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को पूरा भरोसा है कि ड्रेस कोड को लेकर वह शिक्षकों को मनाने में कामयाब हो जाएंगे।
सरकार इस कोशिश में जुटी है कि शिक्षक दिवस के बाद शिक्षक खुद-ब-खुद ही ड्रेस कोड लागू करने को लेकर आगे आएं। इस सिलसिले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से भी प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक शिक्षकों की मांगों के समाधान को उनके संगठनों के साथ विस्तार से वार्ता हो चुकी है।
वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी तो कई बिंदुओं पर परीक्षण कराने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए थे। उच्च स्तर से दिए गए निर्देशों के बाद शासन स्तर पर शिक्षकों की कई मांगों को लेकर फाइल मूवमेंट शुरू हो गया है। कुछ मामलों में शिक्षा निदेशालयों से विस्तृत ब्योरा मांगा गया है।