देहरादून। संवाददाता। वित्त मंत्री श्री प्रकाश पन्त ने सीएसआइआर इंडियन इंस्टीट््यूट ऑॅफ पेट्रोलियम देहरादून में आयोजित सक्षम (संरक्षण क्षमता महोत्सव)- 2019 कार्यशाला में मुख्यतिथि के तौर पर प्रतिभाग किया। कार्यशाला में उपस्थित जनों को पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के लिए शपथ दिलाई।
पैट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) का एक माह का अभियान “सक्षम 2019” एक ऐसा ही प्रयास है। 16 जनवरी 2019 से शुरू होने वाले सक्षम अभियान के दौरान, तेल एवं गैस कंपनियों के साथ मिलकर पीसीआरए द्वारा कई कार्यकलाप शुरू किए गये हैं। इन कार्यकलापों में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, समूह वार्ता, प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, तकनीकी कार्यशालाएं, संगीत कार्यक्रम, प्रतिभा, ईंधन कुशल रसोई प्रतियोगिता, ईंधन कुशल ड्राइविंग प्रतियोगिता, ईंधन संरक्षण और दीर्घकालिकता के संदेश के प्रभावी प्रचार के लिए सोशल मीडिया प्लाटफ़ार्मों/टेलीविज़न/रेडियो, प्रिंट मीडिया प्रकाशनों आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार आदि शामिल हैं।
मा0 मंत्री जी ने कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि भारत द्वारा 70 प्रतिशत ईंधन का आयात किया जाता है जो कि विदेशी मुद्रा में कड़ी खपत है। ईंधन संरक्षण सीधे तौर पर हमारी आर्थिक सुर्द्ड़ करता है। आने जाने के लिए पैदल चलना, साइकिल चलना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, कार पुलिंग इत्यादि उपायों से ईंधन की काफी बचत की जा सकती है पीसीआरए द्वारा इस कार्यक्रम की सफलता हेतु मै सभी भाई बहनों से विनम्र आग्रह करता हूँ द्य यह भी उल्लेखनीय है कि भारत विश्व में पैट्रोलियम उत्पादों का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
देश की बढ़ती हुई आर्थिक प्रगति और साथ में बढ़ती आय स्तर और बढ़ती जनसंख्या के अनुसार हम वर्ष 2022 तक सकल घरेलू उत्पाद के मामले में विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे तथा पैट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती माँग को तेजी से पूरा करना देश के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। इसलिये, हम सभी के लिए पैट्रोलियम के संरक्षण के लिए काम करना आवश्यक है। इस कार्यक्रम कि अध्यक्षता श्री मनोज जयंत राज्य स्तरीय समन्वयक तेल उधयोग, उत्तराखंड द्वारा की गई। इस मौके पर श्री अंजन रे निर्देशक सीएसआईआर- आई0 आई0 पी0, श्री कमलजीत सिंह टैरिटीरी मैनेजर भारत पैट्रोलियम, श्री नीरज गुप्ता पीसीआरए, श्री डी0 के0 पाण्डेय सीएसआईआर- आई0 आई0 पी0 के साइंटिस्ट स्टाफ़, स्कूल के छात्र, छात्राएं, टिचर्स, प्रिंसिपल, तेल कंपनी के अधिकारी, डीलर एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स मौजूद थे।