देहरादून। संवाददाता। लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम घोषित हो चुके है। इस चुनाव में जो सबसे बड़ा मुद्दा था जिस पर यह पूरा चुनाव लड़ा गया था वह मोदी था। मोदी को लाना है और मोदी को सत्ता में आने से रोकना। पक्ष व विपक्ष दोनों के द्वारा इसी मुद्दे पर यह चुनाव लड़ा गया। पूरा विपक्ष मोदी हटाओ, मोदी भगाओ पर डटा हुआ था तो वहीं भाजपा व उसके सहयोगी फिर एक बार मोदी सरकार के नारे पर अड़े हुए थे। समाचार लिखे जाने तक मिले चुनावी रूझानों से जो तस्वीर उभर कर सामने आयी है उससे दो बातें साफ हो चुकी है कि भाजपा एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ केन्द्रीय सत्ता पर काबिज होगी।
दूसरा यह कि एनडीए का स्कोर 2014 से अधिक रहेगा। इस चुनाव परिणाम से एक बात साफ है कि मोदी को प्रधानमंत्री बनने और भाजपा की सरकार बनने का रास्ता पूरी तरह साफ हो चुका है। पूरा चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा गया इसलिए अब यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है मोदी इस परीक्षा में पास हो चुके है। और बाकी सब यानि विपक्ष पूरी तरह से फेल हो चुका है। न कोई गठबन्धन न महागठबन्धन जिसकी चर्चा चुनाव के पहले और चुनाव के बाद हो रही थी मोदी के विजय रथ को रोक सका है और न कोई प्रभाव छोड़ सका है। समाचार लिखे जाने तक भाजपा रूझानों में 290 सीट पर बढ़त बनाये हुए थी वहीं एनडीए के खाते में 342 सीटें जाती दिख रही थी जबकि यूपीए को 90 के आस पास और कांग्रेस को 50 के आस पास सीटें मिलती दिख रही थी। कांग्रेस देश के 27 राज्यों में अपना खाता तक नहीं खोल सकी वहीं अमेठी जैसी सीट पर राहुल गांधी पिछड़ते दिख रहे थे।
बीते साल जिन तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता था में भी कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई है तथा वह एक दो सीटें ही जीतती हुई दिख रही है। वहीं उत्तर प्रदेश जहां वह 73 सीटों पर चुनाव लड़ी सिर्फ एक सीट पर ही बढ़त बनाये हुए है। जबकि 2014 में उसने अमेठी व रायबरेली की दो सीटें जीत सकी थी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस का यह प्रदर्शन उसकी शर्मनाक हार ही कहा जा सकता है।
बिहार में गठबन्धन पूरी तरह फेल साबित होता दिख रहा है। यहां सिर्फ दो सीटें जेडीयू के खाते में जाती दिख रही है जबकि 38 सीटों पर भाजपा बढ़त की स्थिति में दिख रही है। वहीं उत्तर प्रदेश जिस सपाकृबसपा गठबन्धन से बड़े फेरबदल की संभावनाएं दिख रही थी उन पर भी पानी फिर चुका है और यह गठबन्धन सिर्फ 20 सीटों के आसकृपास ही सिमटता दिख रहा है। यही नहीं पश्चिमी बंगाल में भी भाजपा ने ममता बनर्जी की टीएम सी को करारी टक्कर देकर एक दर्जन से अधिक सीटों पर बढ़त बना रखी है। कुल मिलाकर कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ की खाड़ी से पश्चिमी बंगाल तक अपनी विजय पताका फहराती दिख रही है। इस चुनाव में आप का भी लगभग सूपड़ा साफ हो गया है। खबर लिखे जाने तक भाजपा 275 सीटों पर बढ़त बनाये हुए थी तथा 75 सीटे जीत चुकी थी। वहीं कांग्रेस 74 सीटों पर बढ़त के साथ 11 सीटें जीत चुकी थी। जबकि अन्य 82 पर बढ़त बनाये हुए थे और दो सीटें जीत चुके थे तथा तृणमूल कांग्रेस 23 सीटों पर बढ़त बनाये हुए थी