देहरादून। संवाददाता। प्रदेश में वर्ष 2005 के बाद नियुक्त करीब 80 हजार सरकारी कार्मिकों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने बतौर नियोक्ता राष्ट्रीय पेंशन योजना में अपनी हिस्सेदारी 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर दी। इससे उक्त कार्मिकों की पेंशन में बड़ी वृद्धि का रास्ता साफ हो गया है। मंत्रिमंडल ने नगर निगमों को तोहफा देते हुए उनके वित्तीय अधिकार बढ़ाने का फैसला भी लिया।
शहरी विकास सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के बजाय अब नगर निगम में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति वित्तीय स्वीकृति जारी कर सकेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यटन समेत विभिन्न व्यवसायों के लिए 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि को खरीदने अथवा लीज पर देने के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर लगा दी। स्वास्थ्य महकमे में 600 संविदा फार्मासिस्टों की भर्ती प्रक्रिया रद कर दी गई। इसके स्थान पर फार्मासिस्ट, एएनएम, हेल्थ वर्कर के रिक्त करीब 2000 पदों पर नए सिरे से जल्द भर्ती करने का निर्णय लिया गया।
लोकसभा चुनाव आचार संहिता खत्म होने और करीब तीन माह बाद हुई त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की मंगलवार को सचिवालय में हुई बैठक में कार्मिकों और नगर निगमों पर मेहर बरसी। बैठक में करीब 15 बिंदुओं पर फैसले लिए गए। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक एवं मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कैबिनेट के फैसलों को ब्रीफ किया। मंत्रिमंडल ने नई पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों को तोहफा थमा दिया। दरअसल केंद्र सरकार बीते जनवरी माह में अधिसूचना जारी कर उक्त योजना में अपना योगदान 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर चुकी है। उत्तरप्रदेश भी इस फैसले पर अमल कर चुका है। अब उत्तराखंड में भी मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर मुहर लगा दी। यह फैसला केंद्र सरकार की तर्ज पर ही एक अप्रैल, 2019 से लागू किया जाएगा।