दो बच्चे वाले और शिक्षित लोग ही लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव- विधेयक पारित

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देहरादून। संवाददाता। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार वही लोग किस्मत आजमा सकते हैं जिनके सिर्फ दो बच्चे हैं। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो से अधिक संतान वाले उम्मीदवार को पंचायत चुनाव के लिए अपात्र करने, त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रमुखों के पदों पर आरक्षण की व्यवस्था करने, एक साथ दो पद धारण करने को अपात्र करने, शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने के साथ ही 2016 के मूल अधिनियम की त्रुटियों को दूर करने के मद्देनजर सरकार ने संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया। जिस पर आज सदन की मुहर लग गई।

त्रिवेंद्र सरकार ने आज उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक सदन में पारित करा दिया। जिसके बाद पंचायत चुनाव में केवल दो बच्चों वालों को ही मौका मिलेगा। त्रिस्तरीय पंचायत ग्राम, क्षेत्र व जिला के प्रमुख व सदस्य पदों के लिए शैक्षिक योग्यता भी तय की गई है। सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल व समकक्ष परीक्षा रखी गई है। सामान्य श्रेणी की महिला और अनुसूचित जाति-जनजाति के पुरुष प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास होगी। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही विधेयक तत्काल लागू हो जायेगा।

उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक के मुताबिक जिन लोगों की दो से अधिक संतान हैं और इनमें एक का जन्म इस प्रावधान के प्रवृत्त होने की तिथि से 300 दिन के पश्चात हुआ है, वह भी चुनाव लड़ नहीं सकते। विधेयक के मुताबिक पंचायत का कोई भी प्रतिनिधि एक साथ दो पद धारण नहीं कर सकेगा। यदि किसी सदस्य का नाम उससे संबंधित क्षेत्र की निर्वाचक नामावली से निकाल दिया गया हो तो संबंधित व्यक्ति पंचायत का प्रमुख अथवा सदस्य नहीं रह पाएगा। यदि किसी ने सरकारी धन का गबन किया हो, उसके विरुद्ध सरकारी धन की वसूली चल रही हो या उस पर शासकीय धन बकाया हो, वह चुनाव लडने के लिए अपात्र होगा। कांग्रेस ने कुछ प्रावधानों पर छूट देने की मांग करने के साथ विधेयक का स्वागत किया।

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