देहरादून। संवाददाता। त्रिवेंद्र रावत सरकार ने आते ही पहली प्राथमिकता कंडी मार्ग को दी थी। इसी क्रम में गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों को सीधे आपस में जोडने वाली कंडी रोड को ग्रीन रोड के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार कदम बढ़ा रही है। इसके लिए कार्यदायी संस्था का जिम्मा इको टूरिज्म कारपोरेशन को सौंपा गया है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह खुलासा किया। उन्होंने दावा कि ग्रीन रोड कांसेप्ट की देश की यह पहली सड़क होगी। हालांकि पिछले साल नवंबर में हरियाणा के पटौदी में ग्रीन रोड का शिलान्यास हो चुका है।
डॉ. रावत ने कहा कि राजाजी और कार्बेट नेशनल पार्क से गुजरने वाले इस वन मार्ग (कंडी रोड) को केंद्र सरकार के ग्रीन रोड कांसेप्ट में शामिल किया गया है। जल्द ही इस प्रस्ताव को स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड से पास कराने के बाद नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड में ले जाया जाएगा। उम्मीद जताई कि जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले माह से इस सड़क का सर्वे प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी गई है।
बता दें कि वन विभाग के अधीन कंडी रोड को आम यातायात के लिए खोलने की मांग पिछले तीन दशक से अधिक समय से चली आ रही है। अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कंडी रोड रामनगर से कालागढ़, कोटद्वार व लालढांग (हरिद्वार) को सीधे जोड़ती है।
इस सड़क के बन जाने पर यह राज्य के दोनों मंडलों गढ़वाल व कुमाऊं को राज्य के भीतर ही सीधे जोड़ेगी। वर्तमान में ऐसा कोई मार्ग न होने के कारण उप्र के बिजनौर क्षेत्र से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में समय के साथ ही टैक्स के रूप में धन की हानि भी उठानी पड़ती है।