देहरादून। संवाददाता। साल 2009 में विधानसभा घेराव के दौरान सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन करने को लेकर कांग्रेस के 25 नेताओं पर मुकदमा दर्ज हुआ था। कांग्रेस के कुछ नेता कोर्ट में पेश हुए थे. लेकिन कोर्ट में पेश नहीं होने के चलते कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत सहित कई नेताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था. इसके तहत आज गुरुवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत सहित 4 नेता सतपाल ब्रह्मचारी, विनोद रावत और शंकर चन्द रमोला कोर्ट में पेश हुए. सीजीएम कोर्ट में पेशी के बाद सभी नेताओं पर चार्ज फ्रेम हुई. अब अगली तारीख 11 जुलाई से मामले में सुनवाई होगी।
लोकतंत्र में अपनी बात रखने की स्वतंत्रता
इस बारे में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकारी पक्ष के दृष्टिकोण से हमने सरकारी काम में बाधा डाला होगा. लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान ने हमें अपनी बात को रखने की स्वतंत्रता दी है। उन्होंने कहा कि इसी स्वतंत्रता के तहत तब उन्होंने काम किया था. उन्होंने कहा कि जब कभी भी भ्रष्ट या निरंकुश व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी तब इस तरह के मुकदमे किए जाएंगे. हरक सिंह ने साफ कहा कि उन्हें इससे कोई तकलीफ नहीं है।