ऐसे खेला गया घोटाले का खेल
- खरीद में घपला : राज्य खाद्य सुरक्षा योजना में तीन लाख सात हजार 692 कुंतल चावल 2310 रुपये कुंतल के हिसाब से खरीदा। दो साल में 71 करोड सात लाख 68 हजार 520 रुपये का घपला
- ट्रांसपोर्ट में घपला : 3,07692 कुंतल चावल के वितरण में ट्रांसपोर्टेशन शुल्क यदि 50 रुपए प्रति कुंतल माना जाए तो इसमें 1,53,84,600 रुपए का गोलमाल
- बोरों में घपला : धान रखने के लिए 60 रुपए प्रति बोरे की दर से 3,69,23,040 रुपए का हर साल लगाया सरकार को चूना
- बाहरी खरीद घपला: यूपी और अन्य राज्यों से 50 लाख 47 हजार 948 कुंटल धान खरीदा गया। इसे कच्चा आढ़तियों से खरीदा दिखाते हुए लाखों रुपये की कर चोरी
देहरादून (संवाददाता): 600 करोड़ रुपये के अनाज घोटाले में एसआईटी की 19 पेजों की रिपोर्ट में घोटालेबाजों ने अनेक हैरतंगेज कारनामे किये हैं, यह घोटाला भी बिहार के चारा घोटाले की याद दिलाता है. तब बिहार में सांड स्कूटर से ढोए गए थे. ऐसे ही अनेक तरीकों का खुलासा हुआ, जिनके जरिये सरकारी खजाने को चपत लगाई गई है. सरकारी गोदाम तक चावल लाने के लिए ट्रांसपोर्ट भाड़े में किया गया गोलमाल भी पकड़ा गया.
सूत्रों के अनुसार, कागजों में रुद्रपुर से करीब 150 क्विंटल चावल ऋषिकेश तक भेजा हुआ दिखाया गया है. इसमें जिस वाहन का नंबर दर्ज था, वह थ्री-व्हीलर का निकला. एक थ्री-व्हीलर में 150 क्विंटल चावल रुद्रपुर से 225 किमी दूर ऋषिकेश कैसे जा सकता है, यह सवाल इस रिपोर्ट में उठाया गया है. जिन वाहनों की ढुलानस्थल पर मौजूदगी नहीं थी, उनसे भी ढुलान दिखाया गया. प्रमुख सचिव-खाद्य आनंद वर्द्धन का कहना है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. इसके निष्कर्ष के आधार पर जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी. दोषी किसी भी स्तर का अधिकारी या फिर कर्मचारी हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.