देहरादून। गढ़वाल की लक्ष्मीबाई तीलू रौतेली के जन्म दिवस पर देहरादून की कामकाजी युवतियों और महिलाओं को खास सौगात मिली है। आज देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने वीरांगना तीलू रौतेली कामकाजी महिला छात्रावास का शिलान्यास किया।
सर्वे चैक के समीप बने इस हॉस्टल में 200 कमरे बनाए जाएंगे हैं। इस दौरान तीलू रौतेली की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया। इस दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि उक्त हॉस्टल में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों के संबंध में जानकारी देने के लिए काउंसलर और उनकी मदद के लिए वकील भी तैनात रहेंगे। जो महिला अपराधों के संबंध में कानूनी मदद करेंगे। देहरादून में कोई भी कामकाजी महिला इस छात्रावास में रह सकती है।
कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने 16 युवतियों व महिलाओं को पुरस्कार प्रदान किए। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि उन्हें लगता है, पूरे देश में सबसे ज्यादा मेहनती महिलाएं उत्तराखंड की ही हैं।
पहली बार हुआ ऐसा
यह पहली बार है कि 15 अगस्त की बजाय प्रदेश सरकार ने इस समारोह को तीलू रौतेली के जन्मदिन आठ अगस्त को आयोजित किया गया। इस मौके पर तीलू रौतेली सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया। पिछले साल यह पुरस्कार 13 वीरांगनाओं को दिया गया था।
2018 में महिला सशक्तिकरण मंत्रालय ने तीन तलाक के मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाने वाली काशीपुर की शायरा बानो, गढ़वाली कविताओं को पहचान दे रही रुद्रप्रयाग की उपासना, पिथौरागढ़ की हेमा थलाल, हल्द्वानी की त्रितिक्षा, अल्मोड़ा की हेमलता भट्ट, उत्तरकाशी की सविता सहित 13 वीरांगनाओं को दिया गया था।
इस बार यह पुरस्कार देहरादून की नीरजा गोयल, मीताली शाह और आशा कोठारी, अल्मोड़ा की गीता देवी और गंगा बिष्ट, बागेश्वर की कुमारी विशाखा, चंपावत की सीमा देवी, पिथौरागढ़ की लक्ष्मी बिष्ट और खीमा जेठी, हरिद्वार की बेबी नाज, नैनीताल की कनक, समृद्धि और मुन्नी देवी, उत्तरकाशी की शांति ठाकुर, ऊधमसिंह नगर की ज्योति गांधी और पूजा को दिया गया।