खास बातें
– डीएम ने रणनीति तैयार करने को मांगी थी एक दिन की मोहलत
– कल से अतिक्रमण के खिलाफ गरजेंगी जेसीबी और पोकलैंड
– जिन स्थानों की ज्यादा शिकायतें वहां सबसे पहले होगी कार्रवाई
– सरकार का अनुमान, 8 हजार से अधिक होंगे नए अवैध कब्जे
देहरादून। उच्च न्यायालय के आदेश पर देहरादून शहर की नगर निगम सीमा के तहत सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने का महाअभियान अब कल (पांच सितंबर) से चलेगा। जिलाधिकारी सी. रवि शंकर ने अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) ओम प्रकाश से महाअभियान की रणनीति तैयार करने के लिए एक दिन का समय मांगा है। पहले ये अभियान बुधवार से शुरू होना था। एसीएस ने ताकीद किया कि पांच सितंबर से अभियान हर हाल में शुरू हो जाना चाहिए। कहा कि अतिक्रमण हटाना आवश्यकता नहीं बल्कि अनिवार्यता है।
मंगलवार को अपर मुख्य सचिव ने अभियान शुरू करने को लेकर बैठक बुलाई थी। बैठक में तय हुआ कि अभियान की शुरुआत उन शिकायतों के आधार पर होगी, जो पिछले करीब एक साल के दौरान शासन को प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों में अतिक्रमण अभियान को शुरू कराने की मांग की गई है। बैठक में टास्क फोर्स को अतिक्रमण अभियान शुरू करने की मांग को लेकर सरकार को प्राप्त हुए करीब 75 पत्र सौंपे गए। दूसरे चरण में इतने ही शिकायती पत्र दो-तीन दिन बाद सौंपे जाएंगे। अभियान की शुरुआत इन्हीं शिकायतों के आधार पर चिह्नित अतिक्रमणों से होगी। इस बार पॉश इलाके राजपुर रोड पर भी जेसीबी गरजेंगी।
सर्वे चैक स्थित आईआरडीटी सभागार में हुई बैठक में एसीएस ओम प्रकाश ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बिना किसी दबाव में आए अनधिकृत निर्माणों और अतिक्रमणों को हटाने का कार्य सुनिश्चित करें। उन्होंने डीएम को कहा कि फ्लाई ओवर और आरओबी के नीचे से अतिक्रमण हटाकर वहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी के लिए पार्किंग और वैकल्पिक कार्यालय बनाए जाएं। लोनिवि का कैंप आफिस स्थापित किया जाए। जन सुविधा केंद्र बनाए जाएं और पुलिस पिकै ट के तौर पर इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने उद्यान विभाग से इन स्थानों को ग्रीन कवर करने के भी निर्देश दिए।
राजपुर रोड और प्रेमनगर महाअभियान की हिट लिस्ट में
जिलाधिकारी के अनुरोध पर देहरादून में नगर निगम सीमा के भीतर बुधवार से शुरू होने जा रहे अतिक्रमण हटाओ महाअभियान की शुरुआत अब बृहस्पतिवार से होगी। पहले चरण के अभियान में राजपुर रोड से अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। लेकिन इस बार राजपुर रोड, प्रेमनगर में हुआ दोबारा अतिक्रमण और आरकेडिया क्षेत्र के मुख्य मार्ग अभियान की हिट लिस्ट में शामिल हैं। सबसे पहले अतिक्रमण उन स्थानों से हटाया जाएगा, जिनके संबंध में शासन को 100 से अधिक शिकायतें की गई हैं। इन शिकायतों में अतिक्रमण अभियान को पुनरू शुरू करने की मांग की गई है।
साथ ही उन स्थानों का जिक्र किया गया है जहां सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होने की शिकायत की गई है। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के मुताबिक, निकाय चुनाव, लोकसभा चुनाव और कांवड़ यात्रा में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की व्यस्तता के चलते अभियान रुक गया था। लेकिन अब अभियान पूरी तेजी से और तब तक चलेगा जब तक चिन्हित अतिक्रमण नहीं हटा दिए जाते। उनके मुताबिक, करीब एक महीने तक लगातार अभियान चलाया जाएगा और हर दिन इसकी समीक्षा होगी।
शहर में 8000 और नए अतिक्रमण
सरकार का अनुमान है कि शहर में 8000 के करीब और नए अतिक्रमण हो सकते हैं। टास्क फोर्स को तत्काल अतिक्रमण चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। एसीएस के मुताबिक, अभियान के पहले चरण में 8500 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे, जिनमें से नब्बे फीसदी हटाए जा चुके हैं। दोबारा अतिक्रमण की भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
आज सिंचाई विभाग को जाएगा पत्र
अपर मुख्य सचिव सिंचाई विभाग को एक पत्र लिखेंगे। विभाग से यह पूछा जाएगा कि राजपुर रोड से दिलाराम चैक के बीच जो सिंचाई विभाग की नहर है, उस पर क्या अवैध कब्जा हुआ है? यदि विभाग सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे होने की सूचना देगा, तो अभियान के दौरान वहां से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तत्काल आरंभ कर दी जाएगी। यदि विभाग इस मामले में अतिक्रमण न होने की सूचना देगा तो फिर इस मामले में विभाग को ही अदालत में जवाब दाखिल करने के कहा जाएगा। बता दें कि राजपुर के मामले में अदालत में जवाब देना है।
कालोनियों के मार्गों से भी हटेगा अतिक्रमण
अतिक्रमण हटाने का अभियान आवासीय कॉलोनियों को जोड़ने वाले सार्वजनिक मार्गों पर भी चलाया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने एमडीडीए के अधिकारियों को ऐसे अतिक्रमण चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। कॉलोनियों के भीतर आवास और एमडीडीए अपने मानकों के हिसाब से अतिक्रमण हटाएगा।
कब्जे हटाने के बाद अधिकारी होंगे तैनात
अभियान के दौरान कब्जे हटाने के बाद क्षेत्रवार अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया जाएगा। जिस अधिकारी के क्षेत्र में दोबारा अतिक्रमण होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
दो साल की हो सकती है जेल
अपर मुख्य सचिव के मुताबिक अतिक्रमणकारियों पर नगर नियोजन अधिनियम की धारा 26 ए के तहत दो साल की जेल और 20 हजार रुपये का जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश को अक्षरशरू लागू किया जाएगा।
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में जिलाधिकारी सी. रवि शंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी, उपाध्यक्ष एमडीडीए आशीष श्रीवास्तव, सचिव एमडीडीए जीसी गुणवंत, एडीएम रामशरण शर्मा, अनु सचिव लोनिवि अनुभाग उत्तराखंड दिनेश कुमार पुनेठा सहित टास्क फोर्स से जुड़े तमाम अधिकारी उपस्थित रहे।