देहरादून। गांवों की सरकार बनाने की बात हो या फिर उसका हिस्सा होने की बात, महिला शक्ति का परचम हर जगह बुलंद है। पंचायत के 50 फीसदी पदों पर महिला नेतृत्व सुनिश्चित है, लेकिन तमाम सीटें ऐसी हैं, जो महिला आरक्षित भले ही न हो, लेकिन वहां पर भी महिलाओं का झंडा बुलंद है।
इन स्थितियों के बीच, यह मान कर चलिए कि इस बार के पंचायत चुनाव में भी महिलाओं की ताकत आरक्षित कोटे से कहीं आगे जाकर दिखेगी। इसके अलावा, गांवों की सरकार बनाने में महिला वोटरों का रुख निर्णायक और प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करेगा। क्योंकि कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां पर महिला वोटर पुरुषों की तुलना में बहुत पीछे हों। कई जिलों में वह पुरुषों को बराबरी की टक्कर देती हुई दिख रही हैं। रुद्रप्रयाग जैसे जिले में तो महिला वोटर पुरुषों की तुलना में ज्यादा हैं।
एक समय पंचायतों में भले ही महिलाओं की ताकत को बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाता रहा हो, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। बहुत समय तक ‘प्रधान पति’ जैसे उदाहरण महिला नेतृत्व की बात का मजाक उड़ाते हुए दिखे हैं, लेकिन दिन ब दिन अब स्थिति बदल रही हैं। गांवों की सरकार बनाने में महिला वोटरों की संख्या हर जगह उनकी ताकत का अहसास करा रही है। पहले बडे़ जिलों की बात करें, देहरादून, ऊधमसिंहनगर, पौड़ी जैसे जिलों में हालांकि पुरुष मतदाता ज्यादा हैं, लेकिन महिला वोटर वहां लगभग बराबर की स्थिति में दिखती हैं। रुद्रप्रयाग 96985 पुरुष मतदाता हैं और महिला वोटर इनसे ज्यादा यानी 97708 है। वैसे, उत्तकाशी जैसे जिले की बात करें, तो वहां 109943 पुरुष वोटर हैं, तो महिला वोटरों की संख्या 105492 हैं।
12 जिलों में महिला वोटरों की संख्या
अल्मोड़ा-243763
ऊधमसिंहनगर-325591
चंपावत-82491
नैनीताल-181997
पिथौरागढ़-161888
बागेश्वर-93643
उत्तरकाशी-105492
चमोली-131817
टिहरी- 265383
देहरादून-218485
पौड़ी-196835
रुद्रप्रयाग-97708
वोटरों का लेखा जोखा
2105093 है 12 जिलों में कुल महिला वोटरों की संख्या
2206330 हैं 12 जिलों में कुल पुरुष वोटरों की संख्या
4311423 है 12 जिलों में कुल वोटरों की संख्या