देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों में नामांकन के बाद जो तस्वीर उभर कर सामने आई हैए उससे साफ हो गया हैं कि पंचायत चुनाव के बाद भी राज्य निर्वाचन आयोग को मेहनत करनी होगी। ग्राम पंचायतों में सदस्यों के 24 हजार से अधिक पद खली रहेंगे। वहींए प्रधान पदए जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य बनने की प्रदेश के 12 जिलों में होड़ है।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कुल 66399 पदों के लिए 69721 नामांकन हुए हैं। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि सदस्य ग्राम पंचायतों के 55574 पद हैं और नामांकन 30752 ही हुए हैं।
ऐसे में साफ है कि पंचायत सदस्यों के कई पद खाली रहेंगे। इन पदों को भरने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव के बाद भी रिक्त पदों को भरने के लिए लगातार कोशिश जारी रखनी होगी। वैसे आयोग का कहना है कि प्रदेश में यह परंपरा सी बन गई है।
दूसरी ओरए आंकड़ा बता रहा है कि ग्राम प्रधान के लिए प्रत्याशियों के बीच खासा कड़ा मुकाबला होगा। ग्राम प्रधान के 7485 पदों के लिए करीब चार गुना नामांकन हुए हैं। यही हाल जिला और क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों का भी है।
स्क्रूटनी से पड़ेगा फर्कण्ण्ण्ण्
ग्राम पंचायतों में दो से अधिक संतान वालों को लड़ने का मौका मिल गया है लिहाजा नामांकन पत्रों की जांच में तस्वीर बहुत हद तक बदलने की उम्मीद नहीं है। इतना जरूर है कि जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत में तस्वीर बदल सकती है।
आयोग के मुताबिक नामांकन पत्रों को दाखिल करने के अंतिम दिन 3949 नामांकन हुए। यह पिछले तीन दिनों के मुकाबले बहुत अधिक था। अब यह साफ हो गया है कि जिला और क्षेत्र पंचायत में दो से अधिक संतान वालों के नामांकन पत्र निरस्त होंगे। ऐसे में चुनाव लड़ने वालों की संख्या कम हो सकती है।
अंतिम दिन इतने नामांकन
ग्राम पंचायत सदस्य 22081
प्रधान 11243
सदस्य क्षेत्र पंचायत 5229
सदस्य जिला पंचायत 941
पद कुल संख्या नामांकन
सदस्य ग्राम पंचायत 55574 30752
ग्राम प्रधान 7485 24842
सदस्य क्षेत्र पंचायत 2984 11886
सदस्य जिला पंचायत 356 2241
कुल 66399 69721