देहरादून। उत्तराखंड में आयुर्वेद चिकित्सा में कैंसर, मधुमेह और रक्तचाप जैसी बीमारियों पर शोध किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय को निर्देश दिए है। वहीं, सरकार ने कोटद्वार के चरकडांडा में आयुर्वेद शोध संस्थान में वैज्ञानिकों के पद सृजित कर दिए हैं।
जल्द ही इस संस्थान में आयुर्वेद चिकित्सा पर काम शुरू होने की संभावना है। प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए आयुष मिशन के तहत चरकडांडा में अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान स्थापित किया जा रहा है।इस संस्थान के लिए केंद्र की ओर से बजट दिया जा रहा है। इस संस्थान के लिए वैज्ञानिकों के पद सृजित कर दिए गए हैं। सरकार का मानना है कि जल्द ही संस्थान में आयुर्वेद चिकित्सा पर काम शुरू होगा।
आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए सरकार ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय को कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों पर शोध करने को कहा है।इसके लिए अलग-अलग बीमारियों पर शोध करने के लिए प्रोफेसरों को जिम्मेदारी देने के लिए भी कहा है। सरकार का मकसद है कि प्रदेश में जिस प्रकार से मरीजों को ऐलोपैथिक में इलाज की सुविधा मिल रही है। उसी तरह आयुर्वेद में बीमारियों के इलाज क सुविधा मिले।
प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देश दिए गए हैं कि कैंसर, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर व अन्य बीमारियों पर शोध किया जाए। जिससे गांव-गांव में भी लोगों को आयुर्वेद से इलाज कराने की सुविधा मिल सके। चरकडांडा आयुर्वेद शोध संस्थान में वैज्ञानिकों के पद सृजित कर दिए हैं। जल्द ही यह संस्थान काम करना शुरू करेगा।
– डॉ. हरक सिंह रावत, आयुष मंत्री