देहरादून। अटल आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पताल मरीजों का मेडिकल टेस्ट करने से इनकार नहीं कर सकते हैं। टेस्ट की सुविधा उपलब्ध न होने पर भी अस्पताल की जिम्मेदारी है कि वह मरीज के टेस्ट का प्रबंध करे।
इसके लिए अस्पतालों को मेडिकल टेस्ट आउटसोर्स से कराने का अधिकार दिया गया है। योजना में गोल्डन कार्डधारक मरीज से मेडिकल जांच कराने का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस संबंध में सभी सूचीबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्डधारक मरीज को पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज कराने की सुविधा है। योजना का लाभ कार्डधारकों को देने के लिए सरकार ने 180 अस्पतालों के साथ अनुबंध किया है।
लाभार्थी मरीजों से बार-बार शिकायत मिल रही थी कि अस्पताल में मेडिकल टेस्ट की सुविधा उपलब्ध न होने पर उन्हें बाहर पैथोलॉजी से टेस्ट करने पर पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि योजना में मरीज का कैशलेस इलाज करने का प्रावधान है।
इसे देखते हुए राज्य अटल आयुष्मान सोसायटी ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिए कि मरीज की कैशलेस मेडिकल जांच करने की जिम्मेदारी भी अस्पताल की है। गोल्डन कार्ड पर मरीज को भर्ती किया गया तो मेडिकल जांच करने की व्यवस्था भी अस्पताल स्वयं करेंगे।
इसके लिए अस्पताल जिन मेडिकल टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनके लिए निजी पैथोलॉजी लैब को आउटसोर्स कर सकते हैं। इलाज के लिए निर्धारित पैकेज के अनुसार अस्पतालों को मरीज कैशलेस इलाज और मेडिकल जांच की सुविधा उपलब्ध करानी होगी।
कई बार अस्पतालों में सभी प्रकार के मेडिकल जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। आयुष्मान योजना में जिन मरीजों का इलाज कराया जाएगा। उनके मेडिकल जांच की व्यवस्था करना भी अस्पतालों की जिम्मेदारी है। मेडिकल जांच के लिए मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जा सकता है। इस बारे में सूचीबद्ध मेडिकल कालेजों और अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं।
-अरुणेंद्र सिंह चैहान, अपर सचिव एवं सीईओ, राज्य अटल आयुष्मान योजना