दूकानदार ग्राहकों के यह पूछने पर कि चीनी है या देशी भड़क रहे हैं और प्रधानमन्त्री मोदी को भला-बुरा कहने लगते हैं कि आपना तो देश-विदेश घूम रहे हैं कि, चीनी माल बंद ही कर दो तो नहीं बेचेंगे आदि आदि। परन्तु ग्राहकों के आगे मजबूर हैं। इधर चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार को लेकर कुम्हारों के चेहरे खिले हुए हैं। अभी तक मिट्टी के दीयों की बिक्री में वृद्धि हुई। बाजार से मुकाबले करने के लिए साधारण दीयों के साथ रंगीन और आकर्षक दीयों व मूर्तियों की भरमार है। इसके अलावा घर को सजाने के लिए तमाम आइटम हैं।
देहरादून (संवाददाता) : देश में चीनी माल के बहिष्कार का ब्यापक असर दिख रहा है। दूकानदार ग्राहकों के यह पूछने पर कि चीनी है या देशी भड़क रहे हैं और प्रधानमन्त्री मोदी को भला-बुरा कहने लगते हैं कि आपना तो देश-विदेश घूम रहे हैं कि, चीनी माल बंद ही कर दो तो नहीं बेचेंगे आदि आदि। परन्तु ग्राहकों के आगे मजबूर हैं। इधर चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार को लेकर कुम्हारों के चेहरे खिले हुए हैं। अभी तक मिट्टी के दीयों की बिक्री में वृद्धि हुई। बाजार से मुकाबले करने के लिए साधारण दीयों के साथ रंगीन और आकर्षक दीयों व मूर्तियों की भरमार है। इसके अलावा घर को सजाने के लिए तमाम आइटम हैं।
दीपावली की रौनक बिना दीयों के अधूरी है। इसी रौनक के भरोसे दीये बनाने वाले कुम्हार बेसब्री से दिवाली का इंतजार तो करते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से चीनी लड़ियों और झालरों ने उनकी दीपावली फीकी है। हर बार कुम्हार एक महीने पहले ही काम में जुट जाते हैं। पर इस बार डोकलाम विवाद के बाद चीन के खिलाफ लोगों में रोष है और चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर सोशल मीडिया से लेकर हर प्लेटफार्म पर लोग अभियान छेड़े हुए हैं। राम बिहार का कहना है कि लोगों को आकर्षित करने के लिए रंग-बिरंगे दीयों के साथ आकर्षक मंदिर भी बनाए हैं, जिनकी कीमत भी कुछ ज्यादा नहीं। मिट्टी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और इन्हें तैयार करने का खर्च भी। इसके बाद भी बिक्री अच्छी हो जाए तो मेहनत सफल हो जाएगी।
रंगीन दीयों से तेल की कम खपत
रंगीन दीये के दो फायदे हैं। एक तो यह आकर्षक दिखते हैं, दूसरा इसमें तेल की खपत भी कम होती है। रंग लगने के बाद मिट्टी के दीये तेल को सोखते नहीं हैं।
इस बार दिवाली में अमृत योग
इस बार दीपावली में अमृत योग के साथ ही कई विशेष योग बन रहे हैं। जो सुख-समृद्धि के साथ ही आपके घर ढेर सारी खुशियां लेकर आएगा। यह योग करीब 131 सालों बाद बन रहा है। ज्योतिषाचार्य डा. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि 19 अक्टूबर यानी दीपावली पर स्वाति नक्षत्र में पद्म योग व अमृत योग बन रहा है। साथ ही बुधादित्य योग भी होगा। वहीं, तुला राशि में सूर्य, बुध, चंद्रमा का त्रिकोण रहेगा। यह शुभ मुहूर्त सूर्यादय से लेकर अर्धरात्रि तक बना रहेगा।
ज्योतिषाचार्य का दावा है कि यह योग 131 साल बाद बन रहा है।ऐसे करें पूजन शाम को एक पात्र में मिट्टी के दीये को रखकर उसमें तिल भरें और फिर दीप प्रज्ज्वलित करें। दीये को दक्षिण दिशा में रखकर पवित्र मन से दीपदान करें। इससे यमराज प्रसन्न होते हैं। फिर, शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धनवंतरी को खीर का भोग लगाएं। पुष्प, अबीर, गुलाल, रोली अर्पण करें। साथ ही अखंड दीपक को घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर रखें।