देहरादून। लॉकडाउन के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के मद्देनजर सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में राज्यभर में 4483 उद्योगों के संचालन की अनुमति दी गई है। साथ ही फैक्ट्री एक्ट के प्रविधानों को शिथिल करते हुए कार्य के घंटे बढ़ाने को शासन ने मंजूरी दे दी है। अब उद्योगों में 12-12 घंटे की दो शिफ्ट चलेंगी और वहां कार्यरत श्रमिकों को रोजाना चार घंटे के ओवरटाइम का भी नियमानुसार भुगतान होगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के अनुसार प्रदेश में जिन उद्योगों को अनुमति दी गई है, उनमें लगभग 85 हजार काद्दमक कार्य करेंगे। पर्वतीय जिलों में भी काफी संख्या में उद्योगों को अनुमति दी गई है। फैक्ट्री अधिनियम के अंतर्गत अतिकाल (ओवरटाइम का प्रविधान) के प्रविधानों को शिथिल करते हुए कार्य के घंटे बढ़ाने की अनुमति दी गई है। इसके तहत श्रमिकों से प्रतिदिन अधिकतम 12 घंटे कार्य लिया जा सकेगा। शारीरिक दूरी के मानकों के दृष्टिगत पहले यह अवधि 11 घंटे निर्धारित की गई थी और एक घंटे का गैप किया गया था, लेकिन लगातार प्रोसेस वाले उद्योगों में इसके अनुपालन में आ रही कठिनाई के मद्देनजर कार्य की अवधि 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में कर दी गई है। यह शिथिलता 28 जुलाई तक प्रभावी रहेगी। इस दौरान शारीरिक दूरी के मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा।
यह भी निर्देश दिए गए हैं कि ओवरटाइम की शिथिलता का प्रयोग करने के निमित्त किसी भी नियोक्ता द्वारा छंटनी नहीं की जाएगी। उधर, श्रम विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को सहायता राशि भेजने का क्रम जारी है। लॉकडाउन के प्रथम चरण में 1.97 लाख श्रमिकों और द्वितीय चरण में अब तक 1.80 लाख श्रमिकों को एक-एक हजार की सहायता राशि मुहैया कराई जा चुकी है।