देहरादून। संवाददाता। राज्य सरकार ने रिस्पना को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया है। 127 ईको टास्क फोर्स ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। साथ ही, एक जूनियर टास्क फोर्स का भी गठन किया है। जिसके माध्यम से स्कूली छात्रों को अभियान से जोड़ा जाएगा।
ननूरखेड़ा स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान के तहत रिस्पना को अपने पुराने अस्तित्व में लाया जाएगा। वर्तमान में रिस्पना में जल की मात्रा बहुत कम है। हमें इसका जलस्तर बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि रिस्पना नदी के मूल स्थान मसूरी के पास लंढौर से यह अभियान आरंभ किया जाएगा। इसके तहत नदी की साफ-सफाई व सघन वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने रिस्पना से ऋषिपर्णा महाअभियान में जनता का आह्वान करते कहा कि व्यापक जन सहभागिता से ही अभियान को सफल बनाया जा सकता है।
सीएम ने कहा कि इसे जन सहयोग से जनता का आंदोलन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं की संस्था मैड स्वच्छता को लेकर बहुत अच्छा काम कर रही है। रिस्पना को पुनर्जीवित करने के अभियान में भी संस्था सहयोग कर रही है। इसी से प्रेरणा लेकर अधिकाधिक युवा अभियान से जुड़ें।
दयानंद सेतु होगा रिस्पना पुल का नाम
विधान सभा के समीप ऋषिपर्णा नदी (रिस्पना) पर बने पुल का नाम बदलकर स्वामी दयानंद सेतु रखा जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की। आर्य समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से सचिवालय में मुलाकात की। सीएम ने कहा कि देश की आजादी का प्रथम बिगुल बजाने वाले महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा था वेद भारत के लिए, भारत वेदों के लिए और भारत भारतीयों के लिए। रिस्पना पुल का नाम उनके नाम पर किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, पुष्कर सिंह धामी, स्वामी आर्यवेश सहित प्रदेशभर से आए आर्य समाज के लोग उपस्थित थे।