देहरादून। संवाददाता। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने रिंग रोड वीर शिरोमणी माधो सिंह भंडारी किसान भवन में उर्वरकों पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) प्रणाली का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि पांच राज्यों ने इस योजना को अंगीकार किया है। इसमें उत्तराखंड भी शामिल है। प्रधानमंत्री का डिजिटल भारत की दिशा में बढ़ाया यह एक सराहनीय कदम है।
इस योजना के तहत सब्सिडी पर खाद लेने के लिए आधार जरूरी होगा और सब्सिडी का पैसा खातों में जायेगा। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की 70 फीसद आबादी कृषि पर निर्भर करती है। एक बात यह भी महत्वपूर्ण है कि किसानों को ये भी पता होगा कि कितनी सब्सिडी सरकार दे रही है। सरकार किसी को भी अंधेरे में नहीं रखना चाहती है इसलिए सरकार ने यह पारदर्शी नीति अपनाई है।
उन्होंने बताया कि यूरिया का एक बैग 295 रुपये का मिलता है, जबकि इसकी असल कीमत 1100 से ज्यादा है। 475 करोड़ रुपए की सब्सिडी उत्तराखंड में किसानों को दी जाती है।
वहीं कर्ज माफ नहीं करने वाले अपने बयान पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 11 हजार करोड़ किसानों का कर्ज है। इसे सरकार माफ करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए सरकार किसानों को दूसरी तरह से रियायत दे रही है। वहीं कई स्कीम योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, जिसमें छोटे और सीमांत किसानों को कर्ज दिया जा रहा है।
किसान इस योजना को आपनाये। सीएम ने साफ तौर पर कहा कि हमें सोच बदलने की जरूरत है। किसान जो भी करें स्वाभिमान के साथ करें। इस मौके पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ भी रहे मौजूद।