देहरादून। संवाददाता।
आगामी लोकसभा चुनावों में पौड़ी सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी और नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी को शायद ही चुनाव में लड़ने का मौका मिले। कारण यह कि यह दोनों सांसद भाजपा के 75 वर्ष से अधिक आयु के नेताओं को टिकट न देने के मानकों को पूरा कर जाएंगे। संभावित परिस्थितियों को देखते हुए भाजपा ने दोनों सीटों पर अब सुपात्र विकल्पों को भी देख रही है।
भाजपा ने हाल ही में विधायकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर और फिर राज्य कार्यसमिति की बैठक के माध्यम से आगामी लोकसभा चुनावों के लिए शंखनाद कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने बकायदा अभी से पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों को जिम्मेदारी भी सौंप दी है। मौजूदा स्थिति पर नजर दौड़ाई जाए तो अभी प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटें भाजपा के पास हैं। इनमें पौड़ी से भुवन चंद्र खंडूड़ी, टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी शाह, हरिद्वार से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल से भगत सिंह कोश्यारी और अल्मोड़ा से अजय टम्टा सांसद हैं। इनमें से तीन सांसद अपेक्षाकृत युवा हैं।
माना जा रहा है कि इनमें से पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी और भगत सिंह कोश्यारी की बढ़ती उम्र उनके टिकट की राह में बाधा बन सकती है। यह बात पार्टी का केंद्रीय संगठन भी समझता और प्रदेश संगठन भी। यही कारण भी है कि अब इन दोनों सीटों के संभावित दावेदार इन सीटों पर अभी से सक्रिय होते नजर आ रहे हैं। इसके लिए बकायदा पार्टी के भीतर लॉबिंग भी शुरू हो गई है। हालांकि, पार्टी इस मामले में अभी से कोई जल्दबाजी में निर्णय भी नहीं लेना चाहती। इसलिए अभी पूरे परिदृश्य में चुपचाप नजर रखी जा रही है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि इस तरह के सभी मामले कोर ग्रुप की बैठक में तय किए जाते हैं। भविष्य में कोर ग्रुप की बैठकें होंगी तो इन विषयों पर चर्चा होगी। जो भी दावेदारी करेगा, उसके नाम पार्टी रखती रहेगी, हालांकि अभी किसी का नाम सामने नहीं आया है।