हरिद्वार। संवाददाता। जनपद हरिद्वार के तीन स्कूली बच्चों कनिका, सिमरन और आरजू ने सीएम से सवाल पूछे कि आखिर क्या वजह है कि सरकारी हिंदी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हेय दृष्टि से देखा जाता है। इससे बच्चों में हीन भावना भर जाती है और वह अच्छा नहीं कर पाते। इसे कैसे दूर किया जाएगा।
बच्चों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में सुधार को सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने देहरादून के स्कूल का उदाहरण देते हुए, कहा कि पहले वहां केवल 9 बच्चे थे पर अब 400 बच्चे वहां पर शिक्षा ले रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि सरकारी स्कूलों में अच्छी इमारत या अच्छी लैब नहीं हो सकती है, या नहीं हैं।
अच्छा टीचर इन सब कमियों को दूर कर बच्चों को अच्छी तरीके से शिक्षित कर सकता है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों से ज्यादा अच्छी सैलरी शिक्षकों को दी जाती है। इसलिए समाज उनसे अपेक्षा करता है कि वो बेहतर प्रदर्शन करें और अच्छी शिक्षा विद्यार्थियों को दे। मुख्यमंत्री ने अपनी बात तो जरूर बच्चों के सामने रख दी। मगर वो इस बात पर सोचने के लिए मजबूर हो गए होंगे कि शैक्षिक स्तर पर स्थितिया विकट हो चली है।