रंग बिरंगे फूलों का दीदार करने का मन है तो राजभवन आइए। इस साल 13 से 14 मार्च तक राजभवन में आयोजित होने वाले बसंतोत्सव में फूलों का अनोखा संसार सजेगा। स्कूली बच्चों के साथ ही आम लोगों के लिए पुष्प प्रदर्शनी में निशुल्क प्रवेश रहेगा। हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियमों का पालन करना होगा। प्रदर्शनी में आने के लिए मास्क पहनना, सैनिटाइज और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।
बृहस्पतिवार को राजभवन में आयोजित प्रेसवार्ता में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि राजभवन में 2003 से बसंतोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। पिछले साल कोरोना महामारी के कारण बसंतोत्सव नहीं हो पाया था। इस बार कोविड के नियमों का पालन करते हुए 13 से 14 मार्च तक बसंतोत्सव मनाया जाएगा। अब बसंतोत्सव सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव के रूप में पहचान बना चुका है। खुशी की अभिव्यक्ति करने के साथ ही पुष्प उत्पादन रोजगार व स्वरोजगार का माध्यम बन गया है। फूलों के साथ जड़ी-बूटी, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड के फलों को पहचान दिलाने के लिए इसी साल अगस्त-सितंबर में राजभवन में फलों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके लिए उद्यान विभाग के अधिकारियों को तैयारी करने को कहा गया है। हर्षिल का सेब काफी प्रसिद्ध है। उत्तराखंड का सेब विदेशों तक पहुंचने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। बसंतोत्सव के पहले दिन 13 मार्च को शाम छह से सात बजे सांस्कृतिक संध्या होगी। इसमें उत्तराखंड के प्राचीन हरियाली गीत, भजनों की प्रस्तुति होगी। दूसरे दिन 14 मार्च को वृंदावन की फूलों की होली, मयूर नृत्य आकर्षण का केंद्र रहेेग। इसके अलावा सेना, आईटीबीपी, पीएससी बैंड की भी मुख्य आकर्षक रहेगा।