देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा हैं पिथौरागढ़ के तहसील बंगापानी के कनार नामक स्थान पर बुधवार की रात करीब पौने दस बजे बादल फट गया। जिससंे चार रिहायशी मकान और एक पुल जलमग्न हो गए। दर्जनों मवेशी बह गए और कुछ पानी के साथ आए मलबे में जिंदा दफन हो गए। दहशत में आए ग्रामीणों ने सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर भाग कर जान बचाई। अभी किसी तरह की जनहानी की सूचना नहीं है, लेकिन ग्रामीणों के अलग-अलग स्थानों पर निवास तलाशने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बादल फटने से 40 से अधिक परिवार खतरे में आ गए हैं। गोसी नदी लगातार बढ़ रही है। सरस्वती शिशु मंदिर की दीवार ढह गई। मुख्य भवन खतरे में आ गया है। नदी किनारे स्थित एक मकान के पास बंधी 30 बकरिया भी बह गई हैं। नई बस्ती के 30 परिवार खतरे में आ गए हैं। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में मदद के लिए मुनस्यारी व धारचूला से राहत टीमें मौके पर रवाना की हंै।
यह क्षेत्र जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर है। जहां का संचार संपर्क भी भंग हो गया है। इससे भी वहां के वास्तविक हालात की जानकारी नहीं हो रही है। प्रभारी डीएम आशीष चैहान ने बताया कि नुकसान की जानकारी नहीं मिल पा रही है। मुनस्यारी और धारचूला से राहत टीमें भेज दी गई हैं। पीड़ित ग्रामीणों की पूरी मदद की जाएगी।