देहरादून। संवाददाता। प्रशासन की ओर से बिना आदेश के बावजूद ऋषिकेश नगरपालिका के खाते में दुकान निर्माण की प्रीमियम मद के साढ़े 17 लाख रूपये जमा करा दिए गए। जबकी जमा कराने वाले व्यापारी को पालिका प्रशासन ने अभी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है।
नगरपालिका परिषद की पांच जून को हुई बैठक में अन्य प्रस्ताव के जरिए 16 सभासदों के पत्र बाबत नरेंद्र रतूड़ी को बस टर्मिनल कंपाउंड में अस्थायी स्टॉल के स्थान पर पक्की दुकान देने का निर्णय लिया गया। हालांकि बैठक में सभासद कविता शाह ने इस प्रस्ताव का यह कहकर विरोध दर्ज कराया कि अगर संबंधित व्यक्ति बेरोजगार है तो ही उसे दुकान आवंटित की जाए।
इस मामले में एक अगस्त को आयोजित तहसील दिवस पर अपर जिलाधिकारी अर¨वद कुमार पांडे के समक्ष सभासद कविता शाह ने शिकायत दर्ज कराई और वित्तीय अनियमितता की आशंका जताई। जबकि सांसद प्रतिनिधि पंकज गुप्ता ने कांजी हाउस की जमीन पर अतिक्रमण की बात कहते हुए कार्रवाई की मांग की थी। अपर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी व अधिशासी अधिकारी को मामले की जांच सौंपी। जांच अभी पूरी नहीं हुई है। बुधवार को अचानक पालिका के खाते में उक्त दुकान के निर्माण में प्रीमियम राशि के रूप में साढ़े 17 लाख रुपये आनलाइन जमा करा दिए गए।
संबंधित व्यापारी ने अधिशासी अधिकारी को इस संबंध में पत्र देकर पालिका बोर्ड के प्रस्ताव का हवाला देते हुए प्रीमियम राशि भुगतान की जानकारी दी। पालिका के खाते में इस तरह से साढ़े 17 लाख रुपये आने से हड़कंप मच गया। अधिशासी अधिकारी महेंद्र सिंह यादव ने सभी विभागों से जवाब तलब किया कि किसने आदेश जारी किए तो पता चला कि संबंधित व्यापारी को धनराशि जमा करने के लिए कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इस मामले में बुधवार को ही सभासद कविता शाह ने अधिशासी अधिकारी से यह जानकारी मांगी कि बोर्ड की कार्यवाही के आधार पर पालिका के खाते में किसके आदेश पर धनराशि जमा हुई। उन्होंने कार्यवाही के साथ पालिका को वित्तीय हानि से बचाने की मांग की।