देहरादून। संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की तर्ज पर अब हरिद्वार के गंगा घाट भी चकाचक होंगे। नमामि गंगे परियोजना में इन 71 घाटों की सफाई के करीब 21 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई है। तीन साल की इस परियोजना के लिए जहां बड़ी तादाद में मैन पावर उपलब्ध कराई जाएगी, वहीं जरूरी उपकरणों की भी खरीद होगी। नगर निगम ने इसके लिए हरिद्वार घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है। जल्द इसकी डीपीआर नेशनल मिशन फॉर क्लीनिंग गंगा (एनएमसीजी) और स्टेट प्रोग्राम मैनेजिंग ग्रुप (एसपीएमजी) को भेजी जाएगा।
हरिद्वार की हृदयस्थली हरकी पैड़ी समेत आसपास के गंगा घाटों की सफाई का जिम्मा यूं तो गंगा सभा, भारत स्काउट एंड गाइड और सेवा समिति के पास है, लेकिन तीनों शिफ्ट में निगम के 55 सफाईकर्मी भी इस कार्य में लगे हैं। बावजूद इसके गंगा घाटों पर गंदगी पसरी रहती है, जिससे दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं। लेकिन, नमामि गंगे परियोजना में अब शहर के 71 गंगा घाट चकाचक नजर आएंगे।
तीन साल की इस परियोजना पर 2141.12 लाख रुपये खर्च होंगे। इस धनराशि से 385 सफाईकर्मी, 15 सुपरवाइजर और एक साइट मैनेजर रखे जाएंगे। इसके अलावा जरूरी उपकरण यथा सिंगल डिस्क स्क्रबर, प्रेशर जेटिंग मशीन, डस्टबिन, हैंड कार्ट आदि भी क्रय किए जाएंगे। घाटों पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था होगी। नगर निगम की ओर से तैयार प्रोजेक्ट की मंजूरी और बजट मिलते ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया जाएगा।
नगर आयुक्त नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना को लेकर को नई दिल्ली में केंद्रीय भूतल परिवहन और नदी विकास एवं जल संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार घाट क्लीनिंग प्रोजेक्ट पर प्रसन्नता जताई। वाराणसी के बाद हरिद्वार को इसमें शामिल किया जाना धर्मनगरी के लिए निरूसंदेह गौरव की बात है।