देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड में वन जीवों की तस्करी का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे ही एक मामलें में राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम ने जंगल में छिपे एक तस्कर को पकड़कर पर्दा फास किया है। उनके पास से गुलदार की खाल समेत मॉनिटर लिजार्ड का मांस और पैंगोलिन के शल्क बरामद हुआ है। मामले में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ ही आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर के मुताबिक रामगढ़ रेंज के अधिकारियों को मुखबिर से सूचना मिली कि मोथरोवाला स्थित सपेरा बस्ती निवासी राकेश टाइगर रिजर्व के जंगल में शिकार के लिए गया है और उसके घर में गुलदार की खाल भी रखी है।
सूचना पर रेंज के क्षेत्राधिकारी राकेश नेगी के नेतृत्व में जंगल पहुंची टीम ने घेराबंदी कर राकेश को दबोच लिया। उसके पास से एक थैले में रखा मॉनिटर लिजार्ड का करीब एक किलो मांस बरामद हुआ। इसके बाद राकेश को लेकर सपेरा बस्ती स्थित उसके घर पर पहुंची टीम ने वहां से गुलदार की खाल भी बरामद कर ली। साथ ही उसके पास से पैंगोलिन के 2100 शल्क (स्केल्स) भी मिले। वन्य जीव अंगों को कब्जे में लेने के साथ ही आगे की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। वन विभाग की टीम में अरुण कुमार, अजय कुमार, सीमा पैन्यूली, अमृता सिंह, अमृत डोभाल, दाताराम, दिनकर कुमार आदि शामिल रहे।
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर के मुताबिक गुलदार की जो खाल राकेश के सपेरा बस्ती स्थित घर से मिली, वह हिमाचल से खरीदी गई बताई गई है। राकेश ने पूछताछ में बताया कि उसने यह खाल पांवटा साहिब से अपने कुछ साथियों से खरीदी है। इससे यह आशंका प्रबल हो गई है कि जिस गुलदार की यह खाल है, उसे राकेश या उसके साथियों ने पांवटा साहिब क्षेत्र के जंगल से मारा है। लिहाजा, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि राकेश के अंतरराज्यीय तस्कर गिरोह से भी संबंध हैं।
राकेश की गिरफ्तारी के बाद हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब क्षेत्र के वनाधिकारियों से भी बात की गई है। जल्द हिमाचल प्रदेश के वनाधिकारियों के साथ संयुक्त टीम बनाकर वहां भी छापेमारी की जाएगी।