गंगा अवतरण दिवस आज, घाटों पर सांकेतिक होगा स्नान,  हरकी पैड़ी पर तैनात रहेगी पुलिस

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हरिद्वार। कोरोनाकाल में मंगलवार को गंगा अवतरण दिवस (गंगा सप्तमी) पर होने वाला गंगा स्नान सांकेतिक ही होगा। श्रीगंगा सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए गंगा मैया का पूजन किया जाएगा। स्नान में एसओपी का पालन कराए जाने के लिए गंगा घाटों और हरकी पैड़ी पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। 

कोरोनाकाल में लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए श्री गंगा सभा गंगा सप्तमी स्नान पर सांकेतिक कार्यक्रम करेगी। श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि गंगा पूजन का कार्यक्रम शारीरिक दूरी के नियमों का ध्यान रखते हुए किया जाएगा। कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ नहीं होने दी जाएगी। पूजन करने के लिए सभा के प्रतिनिधि आते रहेंगे और पूजन कर जाते रहेंगे। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि स्थानीय लोगों के साथ ही अन्य यात्रियों को हरकी पैड़ी पर नहीं जाने दिया जाएगा। अन्य घाटों पर भी सुरक्षा रहेगी। इसके साथ ही पुलिसकर्मी भी तैनात किए जाएंगे। 

आज के ही दिन शिव की जटाओं में आई थी गंगा 
भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि गंगा सप्तमी के दिन माता गंगा स्वर्ग लोक से भगवान आशुतोष की जटाओं में आई थी। यह मां गंगा का जन्म दिन कहा जाता है। सतयुग की इस घटना को करोड़ों वर्ष बीत गए हैं। परंतु मां गंगा का जन्म दिन हरिद्वार में विशेष रूप से तीर्थ पुरोहितों के साथ उनके अनुयायी करोड़ों वर्षों से मनाते चले आ रहे हैं।

सप्तमी मंगलवार और बुधवार दोनों दिन मध्यान काल में है। दोनों दिन गंगा जी का जन्मदिन माना जाएगा। परंतु गंगा जी का जन्म पुष्य नक्षत्र में माना गया है, जो 18 मई दिन मंगलवार को ही होगा।

सप्तमी 12.30 पर आ जाएगी। गंगा सप्तमी के दिन सात फल, सात प्रकार की मिठाइयां, सात वस्त्र, सात रंगों से गंगा जी की पूजा करना फलदायी होगा। दूध, दही, शहद, मिश्री, घी से गंगा जी का अभिषेक कर नारियल गंगा जी में अर्पण करने से मनोकामना पूर्ण होगी। श्री गंगा जी की पूजा हरकी पैड़ी, कुशा घाट, कनखल तीन तीर्थों पर की जा सकती है। पूजन  का समय एक बजे दोपहर से 2.30 दोपहर तक रहेगा। 

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