फर्जी ई-पास के मामले में पुलिस ने चालान कर बैरियर से वापस भेजा, सख्ती से चेकिंग के निर्देश

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केदारनाथ यात्रा में जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, वहीं फर्जी ई-पास के मामले भी सामने आने लगे हैं। सोनप्रयाग में चेकिंग के दौरान पुलिस ने 18 ई-पास फर्जी पाए। ये 36 यात्रियों के नाम पर थे। पुलिस अधीक्षक ने यात्रा मार्ग पर लगे सभी बैरियर के साथ चौकी/थाना क्षेत्र में प्रभारियों को सख्त चेकिंग के निर्देश दिए हैं।

न्यायालय के आदेशों के तहत यात्रा पर आ रहे यात्री अपने साथ ई-पास व अन्य जरूरी दस्तावेज ला रहे हैं। इनमें से कई श्रद्धालुओं के ई-पास में उनसे संबंधित डाटा का मिलान नहीं हो रहा है। साथ ही इन यात्रियों के नाम पुलिस को उपलब्ध सूची में भी नहीं मिल रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि सभी 36 यात्रियों/गलत ई-पास धारकों के विरुद्ध उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 के तहत चलानात्मक कार्रवाई करते हुए सोनप्रयाग बैरियर से वापस भेज दिया गया है। उन्होंने केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे देवस्थानम बोर्ड द्वारा निर्धारित ई-पास व उसमें दी जाने वाली जानकारी का सही उल्लेख करें। साथ ही अन्य दस्तावेजों सहित उत्तराखंड शासन की एसओपी का पालन करते हुए चारधाम यात्रा पर आएं।

यात्रियों को बार-बार नहीं दिखानी होगी जांच रिपोर्ट : एसपी
यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के तीर्थयात्रियों को जनपद में चेकिंग के नाम पर बार-बार अपनी कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं दिखानी होगी। इसके लिए पुलिस ने एक स्थान नियत किया है। पुलिस का कहना है कि यात्रियों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

सोमवार को एसपी मणिकांत मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पुलिस सुरक्षित और सुगम तीर्थयात्रा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यात्रियों को जनपद में कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। पुलिस यात्रियों की सेवा के लिए तत्पर है। एसपी ने कहा कि जनपद में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को बार-बार अपनी कोरोना जांच रिपोर्ट व अन्य जानकारी के लिए नहीं रोका जाएगा। यात्रियों को इस संबंध में केवल एक बार ही जानकारी देनी होगी। धरासू बैरियर पर यात्रियों से यह जानकारी ली जाएगी। प्रेस वार्ता में सीओ एचएल बिजल्वाण, निरीक्षक शंकर सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे।

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