गोपेश्वर : मंगलवार को इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण लगने वाला है। जिसका सूतककाल सुबह पांच बजे से शुरू हो गया है। इस कारण उत्तराखंड में बदरीनाथ सहित सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गये हैं। अब ग्रहण खत्म होने के बाद सफाई और भगवानों की मूर्तियों को स्नान करा कर मंदिरों में पूजा अर्चना की जाएगी।
बदरीनाथ सहित सभी मंदिरों के कपाट बंंद
श्री बदरीनाथ व समीपवर्ती अधीनस्थ मंदिर चंद्रग्रहण के दौरान आज बंद किए गये हैं। श्री बदरीनाथ मंदिर सहित मां लक्ष्मी मंदिर, मातामूर्ति मंदिर, आदिकेदारेश्वर मंदिर, श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ, वासुदेव मंदिर, दुर्गा मंदिर,योग बदरी पांडुकेश्वर, ध्यान बदरी उर्गम, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई, तपोवन,गोपाल जी मंदिर नंदप्रयाग सहित मंदिर समिति के अधीन सभी मंदिर ग्रहणकाल में बंद हो गये हैं।
मंदिर समिति के अधीनस्थ तथा दस्तूरधारी सभी मंदिर ग्रहणकाल के सूतक शुरू होते बंद हो गये हैं। ज्योतिषीय समय गणनानुसार संपूर्ण ब्रह्मांड में चंद्र ग्रहण दिन में एक बजकर बत्तीस मिनट पर शूरू होगा। शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
सूतककाल के चलते मंदिर प्रात:काल से ही बंद
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पंचांग गणना के अनुसार भारत वर्ष में चंद्र ग्रहण शाम पांच बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा तथा शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो रहा है। इस तरह ग्रहणकाल सीमित रहेगा। लेकिन सूतककाल के चलते मंदिर प्रात:काल से ही बंद किये गये हैं।
श्री बदरीनाथ मंदिर सहित मंदिर समिति के अधीनस्थ तथा दस्तूरधारी सभी छोटे बड़े मंदिर प्रात: 8 बजकर 15 मिनट पर बंद किये गये। इससे पूर्व अभिषेक, पूजा अर्चना दर्शन अभिषेक तथा बाल भोग लगाया गया।
ग्रहणकाल के पश्चात शाम 6 बजकर 25 मिनट पर मंदिर खुल जायेंगे। शुद्धिकरण के पश्चात अभिषेक पूजा संपन्न होगी। नित्य की भांति शयन आरती के बाद रात्रिकाल हेतु बदरीनाथ मंदिर सहित सभी मंदिर बंद हो जायेंगे। और 9 नवंबर को प्रात: नित्य की भांति मंदिरों में पूजा-अर्चना चलती रहेगी।