आज मार्गशीर्ष अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया है। हालांकि सूर्य ग्रहण दिखाई न देने के कारण इस का प्रभाव और सूतक काल भी प्रभावी नहीं होगा। वहीं इस दिन सोमवती अमावस्या पर स्नान, दान, जप, तप व धर्म-कर्म का लाभ कई गुणा अधिक प्राप्त होता है।सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या का बड़ा भारी महत्व है। प्रत्येक मास एक अमावस्या आती है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। ये साल में एक या दो बार पड़ती है। सोमवार (आज) अमावस्या पड़ने से यह सोमवती अमावस्या होगी। पुराणों में कहा गया है कि सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है।महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और यथा शक्ति दान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वास्थ्य और सुख को प्राप्त करेगा। ऐसा भी माना जाता है कि स्नान-दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.ऐसी मान्यता है कि इस दिन गाय को गुड़ और पिंडा (पौष्टिक भोजन) खिलाने से सभी देवताओं की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। सोमवार भगवान शिव का दिन होने के कारण कालसर्प दोष निवारण पूजा भी इस दिन की जाती है। इधर, मार्गशीर्ष की अमावस्या आज है, जो इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण है।
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