ऋषिकेश : परमार्थ निकेतन के गंगा तट पर शनिवार को यज्ञ और सामवेद गायन के साथ ऋषिकेश म्यूजिक फेस्टिवल का शुरू हुआ। म्यूजिक फेस्टिवल की पहली संध्या पर सूफी गायक कैलाश खेर ने सूफी संगीत से समा बांधा।
सामवेद गायन के साथ संगीत उत्सव शुरू हुआ
ऋषिकेश म्यूजिक फेस्टिवल-2022 का आयोजन संस्कृति मंत्रालय की ओर से 75वां आजादी का अमृत महोत्सव के तहत परमार्थ निकेतन, संगीत नाटक अकादमी उत्तराखंड व अन्य संस्थाओं के सहयोग से किया जा रहा है। शनिवार को प्रात:काल में स्वामी नारायण वैदिक ऋषिकुल की ओर से सामवेद गायन के साथ संगीत उत्सव शुरू हुआ।
कार्यशाला में बाबा कुटानी ने हैडपैन की बारीकियां बताई
इस दौरान संजीव और अश्विनी शंकर की ओर से शहनाई, स्मित तिवारी ने सरोद वादन, आचार्य भुवन चंद्र, नादयोग स्कूल ऋषिकेश ने प्रस्तुति दी। वहीं हैडपैन पर कार्यशाला में बाबा कुटानी ने हैडपैन की बारीकियां बताई। इस दौरान ड्रम सर्कल, अंतरराष्ट्रीय फ्यूजन संगीत, देवी म्यूजिक आश्रम ऋषिकेश, बाउल संगीत, महादेव दास बाउल आदि ने प्रस्तुतियां दी।
भारत की आत्मा में बसता है संगीत
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि संगीत भारत की आत्मा में बसता है। संगीत हमें कोलाहल से दूर एक शांति प्रदान करता है। भारतीय संगीत हमें हिमालयी गुफाओं की शांति देता है। संगीत बाहर का शोर तो समाप्त करता ही है बल्कि अन्दर के शोर को भी शांति में बदल देता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत में केवल गायन ही नहीं है, बल्कि इसमें ध्यान, योग या मनन की विभिन्न विद्याएं समाहित हैं।
पूर्णानंद मैदान में लाइव शो आयोजित किया गया
उधर, दूसरे सत्र में शनिवार सायं पूर्णानंद मैदान में लाइव शो आयोजित किया गया। जिसमें कैलाशा बैंड की प्रस्तुति ने समा बांधा। प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर ने एक से बढ़कर एक भजनों और सूफी गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को बांधे रखा।