रुड़की में एसआईटी की जांच में शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने के मामले में विभाग ने दो शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों शिक्षक पिछले वर्ष से ही बर्खास्त चल रहे हैं।
नकली डिग्री, असली नौकरी के मामले में एसआईटी प्रदेशभर के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच कर रही है। एसआईटी ने कई शिक्षकों को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करते पाया था। इसके बाद शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई भी कर चुका है।
खानपुर उप शिक्षाधिकारी दीप्ति यादव ने खानपुर पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि ऋषिपाल पुत्र लेखराज उर्फ रनविजय पोस्ट माधुवा माफी मिल्क, जिला अमरोहा (उत्तर प्रदेश) खानपुर क्षेत्र के दल्लावाला गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में तैनात था। उसके प्रमाणपत्र एसआईटी की जांच में फर्जी पाए गए थे।
इसके आधार पर पिछले वर्ष 31 दिसंबर को शिक्षा विभाग ने उसे बर्खास्त कर दिया था। वहीं, लोकेश कुमार पुत्र चंद्रपाल सिंह निवासी फादराबाद खुर्द, थाना स्योहारा, जिला बिजनौर (उत्तरप्रदेश) गिद्धावाली गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में तैनात था।
उसके प्रमाणपत्र भी एसआईटी जांच में फर्जी पाए गए थे। पिछले साल से वह भी बर्खास्त चल रहा था। खानपुर थानाध्यक्ष अभिनव शर्मा ने बताया कि दोनों बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बता दें कि लगातार फर्जी शिक्षकों के सामने आने के बाद एसआईटी ने कई शिक्षकों की सेवा समाप्त कराई और कई पर मुकदमे भी हुए। वहीं, अमान्य और फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी से जुड़े मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब प्रदेश के करीब 34000 शिक्षकों को 20 अक्तूबर तक अपने प्रमाण पत्र स्व सत्यापित कर जमा कराने थे।
शिक्षकों को हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक एवं बीटीसी या समकक्ष, डीएलएड, बीएड, सीपीएड, डीपीएड, अदीब ए माहीर, अदीब ए कामिल, मौअलिम ए उर्दू, बीटीसी उर्दू के प्रमाणपत्र जमा करने के आदेश थे।