हरिद्वार। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शनिवार को हरिद्वार भ्रमण पर है। उन्होंने आज सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून से कार से हरिद्वार के लिए प्रस्थान किया। जिसके बाद वह हरकी पैड़ी पर पहुंचे और मां गंगा की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने मां गंगा से राज्य के विकास और कोरोना संक्रमण के जल्द से जल्द छुटकारा पाने की प्रार्थना की।
इसके बाद वह मीडिया सेंटर नीलधारा टापू पहुंचेंगे। यहां वह कुंभ मेले के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
उनकी ओर से कुंभ के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा। दोहपर एक से 1.40 बजे तक मुख्यमंत्री राज्य अतिथि गृह में रहेंगे। इसके बाद वह 1.45 बजे से मेला नियंत्रण भवन सीसीआर में कुंभ की तैयारियों की समीक्षा बैठक करेंगे।
2.45 बजे वह कार से मेला नियंत्रण भवन सीसीआर से देहरादून के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी उनके वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव केके मदान ने दी है।
बैरागी कैंप में दस दिन में सुविधाएं मुहैया कराए प्रशासन
मेलाधिकारी दीपक रावत और मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बैरागी कैंप पहुंचकर अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणी अखाड़ों में तीनों श्रीमहंतों से मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। संतों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की उदासीनता के चलते बैरागी कैंप में भूमि आवंटन और अन्य कार्य नहीं हो पाए थे। जिससे संतों के शिविर नहीं लग पाए। उन्होंने मेला प्रशासन से मांग की कि रात-दिन कार्य करवाकर दस दिन के भीतर सुविधाएं मुहैया कराएं।
श्रीपंच निर्मोही अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास ने कहा कि मेला प्रशासन की ओर से संतों के लिए शिविर, बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। जैसे-जैसे वैरागी संत और खालसे आगमन करते हैं उनको भूमि आवंटित की जाए ताकि संत टेंट लगा सकें। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन को शाही स्नान और बैरागी अखाड़ों की पेशवाई के लिए सड़कों की व्यवस्था ठीक करनी चाहिए। बैरागी कैंप क्षेत्र और तीनों वैष्णव अखाड़ों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाए।
अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास ने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र में रोजाना पानी का छिड़काव कराया जाए। धूल मिट्टी से बैरागी कैंप क्षेत्र के संत परेशान हैं। संपूर्ण मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाकर जमीन को समतल कराया जाए। श्रीपंच दिगंबर अणी अखाड़ा के श्रीमहंत राम किशन दास ने कहा कि संतों को सुविधा मुहैया कराने में मेला प्रशासन पहले ही देर कर चुका है। अब दिन-रात कार्य कर मेले से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं 10 दिन के अंदर मुहैया कराई जाए।
मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि तीनों वैष्णव अखाड़ों को भूमि आवंटन हो गया। सड़क, बिजली, पेयजल, शौचालय आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही है। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि संतों की सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर हैं। इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य, महंत गौरीशंकर दास, महंत रामशरणदास, महंत रामजीदास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मनीष दास, महामंडलेश्वर भगवानदास खाकी, महंत मोहनदास खाकी, महंत रामप्रवेश दास, महंत हरिदास, महंत ऋषिकुमार दास, महामंडलेश्वर सरजूदास महात्यागी, महामंडलेश्वर आरीदास, महामंडलेश्वर भैयाजी आदि मौजूद रहे।