हरिद्वार में पहली बार हुई रिकॉर्ड तोड़ गेहूं की खरीद

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कोरोनाकाल में तमाम कारोबार बंद रहने के बाद भी सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर रिकॉर्ड खरीदारी हुई है। राज्य गठन के बाद पहली बार करीब दो लाख क्विंटल गेहूं खरीदा गया। तीन साल पहले भी करीब एक लाख क्विंटल गेहूं की खरीदारी हुई थी। इससे सरकारी गोदामों में भी बंपर स्टॉक हो गया था। जनपद में 33 गेहूं खरीद के सरकारी क्रय केंद्र खोले गए थे। सरकार ने 1975 रुपये प्रति क्विंटल के दाम और 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देकर गेहूं खरीदा। इस तरह से किसानों का गेहूं 1995 रुपये खरीदा गया। इस बार कोविड कर्फ्यू के चलते किसानों का गेहूं हरियाणा और पंजाब आदि प्रदेशों में बिक्री के लिए नहीं जा सका। खुले बाजार में भी दाम अधिकतम 1840 से गिरकर 1600 तक आ गए थे। इसलिए किसानों ने सरकारी केंद्रों पर ही अपना सारा गेहूं बेचा। हरिद्वार जनपद में एक लाख 92 हजार 640 क्विंटल गेेहूं की खरीद की गई। अभी तक जनपद में अधिकतम गेहूं की खरीदारी वर्ष 2018-19 में 97 हजार 228 क्विंटल हुई थी। इस साल करीब दोगुना गेहूं खरीद हुई है। वर्ष 2019-20 में महज 46 हजार 920 क्विंटल और वर्ष 2020-21 में 61 हजार 98 क्विंटल गेहूं की खरीद हुई थी।

एक माह कम चली खरीदारी 
पिछले वर्षों तक गेहूं की खरीदारी एक अप्रैल से तीस जून तक होती थी। इस बार दलालों का हस्तक्षेप रोकने के लिए पहले 15 मई तक का समय दिया गया था। बाद में कोरोना संक्रमण के चलते यह बढ़ाकर 25 मई और फिर 25 मई तक पंजीकरण कराने वाले किसानों का गेहूं 27 मई तक खरीदा गया। इससे एक माह कम खरीद होने के बाद भी बंपर खरीद होने से अधिकारी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

देहरादून में 14 हजार क्विंटल खरीदा
देहरादून जनपद में 14 हजार 343 क्विंटल गेहूं की खरीदारी की गई है।

राज्य गठन होने के बाद पहली बार इतनी रिकॉर्ड तोड़ गेहूं की खरीदारी हुई है। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास के चलते ही कोविड काल में भी किसानों को सरकारी गेहूं खरीद योजना का लाभ दिया जा सका।

– चंद्र सिंह धर्मशक्तु, संभागीय खाद्य नियंत्रक, गढ़वाल संभाग

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