हरिद्वार। हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक अहम निर्णय लेते हुए विवि में होने वाली पीएचडी की थीसिस को विदेशों में भेजकर विषय विशेषज्ञों से चेक कराने के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगा दी है।
सत्र 2019-20 से विवि से होने वाली सभी पीएचडी पर यह निर्णय लागू होगा। विवि में होने वाले शोध कार्यों के लिए अब विदेशी वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों के नाम भी पैनल में जोड़े जाएंगे।
गुरुकुुल कांगड़ी विवि प्रशासन ने विवि में शोध कार्य की गुणवत्ता बढ़ाए जाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। विवि में विभिन्न विषयों में होने वाली पीएचडी की थीसिस को विदेशों में भेजे जाने के लिए परीक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
आवश्यकता पाए जाने पर शोधार्थी को अपनी थीसिस मूल विषय की भाषा के साथ ही अंग्रेजी में भी प्रस्तुत करनी पड़ सकती है। इसके साथ ही विदेशों में बैठे विषय विशेषज्ञ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शोधार्थी का वायवा ले सकेंगे।
सत्र 2019-20 से विवि में होने वाली पीएचडी का शोधसार शोधार्थी को मूल विषय की भाषा के अंग्रेजी में प्रस्तुत करना होगा। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रो. दिनेश भट्ट ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विवि से होने वाले शोध कार्यों की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाए जाने के लिए विवि प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
यह पूरी प्रक्रिया विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के क्रम में अपनाई गई है। विवि में होने वाले शोध कार्यों के लिए अब विदेशी वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों के नाम भी पैनल में जोड़े जाएंगे।