दून की जनसंख्या सात लाख के पार, मगर नहीं बढ़ा दायरा

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देहरादून। संवाददाता। दून शहर की जनसंख्या तो समय के साथ ही बढ़ती चली गई। मगर शहर के विस्तार का दायरा बढ़ नहीं सका। इसका कारण है कि दुनवासियों ने शहर के आस-पास निवास करना ही उचित समझा। भारत सरकार के जनगणना कार्यालय से शहर की आबादी का पता लग पाया है।

भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों  से पता चला है कि देश के तमाम शहरों के क्षेत्रफल में वर्ष 1961 से 2011 के बीच आए बदलाव का ब्योरा दिया गया है। इस अंतराल में देश में नगरीय दायरा 62.34 फीसद की दर से बढ़ा। राष्ट्रीय औसत से अधिक रफ्तार से राज्य के कई शहरों का आकार बढ़ा है। इनमें प्रमुख रूप से ऋषिकेश, हल्द्वानी, कोटद्वार जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं।

हालांकि कुल आकार की बात करें तो 125.22 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ दून पहले स्थान पर है, लेकिन वर्ष 1961 में 81.01 वर्ग किलोमीटर के साथ दून पहले भी नंबर एक पर था। इस लिहाज से दून का विस्तार अपेक्षा से काफी कम नजर आता है। क्योंकि वर्ष 1961 में दून की जो आबादी 1.72 लाख थी वह बढ़कर सात लाख को पार कर गई है। आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि दून शहर में जनसंख्या बढ़ी है। मगर शहर का दायर नहीं बढ़ सका। जिस वजह शहर के लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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